
पर्यावरण की बेरुखी प्रदूषण युक्त देश ,
पहले लोग रामलीला देखने जाते थे तो चादर ओढ़ कर और दीपावली सर पर है लेकिन पंखा चला कर सो रहे हैं , जो घर का सबसे बड़ा सदस्य होता है उसकी जिम्मेदारी होती है कि परिवार को कैसे संभालना है, सरकारें कभी नहीं चाहेंगी कि पर्यावरण युक्त और प्रदूषण मुक्त देश बने ,क्योंकि यह सारी गंदगी राजनीति से ही पैदा होती है , सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया को ईमानदारी और कड़ाई से पालन करना चाहिए पर्यावरण ठीक और प्रदूषण मुक्त देश के लिए, उच्चतम न्यायालय केंद्र और राज्य सरकारों से कह सकती है कि जो सरकारी जमीन है खाली पड़ी है वह किसी को आवंटित ना किया जाएं ,उन जमीनों पर पेड़-पौधे लगायें , इतना ही नहीं कम से कम नदियों के दोनों तरफ दो-दो किलोमीटर दोनों तरफ प्रतिबंध लगाए की कोई 2 किलोमीटर के अंदर निर्माण कार्य नहीं हो सकता , क्योंकि यह एक दिन के लिए नहीं यह देश हित में हमेशा हमेशा के लिए अव्वल रहेगा , दोनों तरफ केवल पेड़ पौधे ही लगाए जाएंगे उससे पर्यावरण भी ठीक रहता और जो करोड़ों रुपए अधिकारी बाढ़ के नाम पर पी जाते हैं घी की तरह वह भी बचेगा ,