
तानाशाही जब तक चलती है तब तक सिस्टम पैरों में झुका रहता है मीडिया कसीदे पढ़ती है।समर्थक भक्त बने रहते हैं
पर जिस दिन पानी गले तक पहुंचता है, उस दिन तानाशाह को सिर्फ इस्तीफा ही नहीं देना होता, महल छोड़कर देश से भागना पड़ता है सदियों का इतिहास इस सच्चाई का गवाह है
बांग्लादेश में तख्तापलट,सेना ने संभाली कमान….शेखहसीना ने दिया इस्तीफ़ा जबकि छ महीने पहले हुए चुनाव में उनकी पार्टी अवामी लीग को 300 में से 200 सीटें पर जीत मिली थी
शेख़ हसीना भारत में शरण लेंगी,कोलकाता आ सकती हैं। BSF को हाई अलर्ट पर रखा गया है BSF DG IPS दलजीत सिंह चौधरी स्थिति का मुआयना करने पश्चिम बंगाल पहुंचे
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है भारत में शरण लेने की संभावना जताई जा रही है
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को दोपहर करीब 2:30 बजे एक सैन्य हेलीकॉप्टर से बंगाभवन से अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ “सुरक्षित स्थान” के लिए रवाना हुईं
सरकारी इमारतों और मंत्रियों के आवास आग के हवाले कर रहे हैं आंदोलनकारी
ढाका की सड़कों पर हमले हो रहे हैं
*शेख हसीना के जीजा है बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमानत
यही हाल श्रीलंका में भी हुआ जब जनता महंगाई बेरोजगारी से तंग आ गई तो वहां के प्रधानमंत्री को भी हेलीकॉप्टर से भागना पड़ा
कब तक जनता को हिंदू मुस्लिम मंदिर मस्जिद में उलझा कर रख सकते हैं जब उसका सब्र का बांध टूट जाता है तो अच्छे-अच्छे को यही जनता सबक सिखा देती है