मंहगाई, बीमारी और दवाई


आज यूवा तेजी से बिमार हो रहा है, अपनी उम्र से ज्यादा दिख रहा है, कम उम्र में गंजापन, हार्ट , सुगर, पेट में बिमारिया, अंगों में दर्द, कमजोर शारिरीक शक्ति देखी जा रही है|
कारण-
छोटी बड़ी कम्पनियाँ पैकेट में आत्यधिक केमिकल वाले सामान बिना रोक टोक बेच रहे हैं, चाइनीज और जंक फुड मे मनमाना कैमिकल डाल कर भारत की आने वाली पीढ़ी को कमजोर करने का षडयंत्र रचा जा रहा है, ब्रेन और पेट के अंग खराब हो रहे हैं, क्योंकि हम बिना जाने समझे उसका सेवन कर रहे हैं|
पहले बिमार करो, फिर इलाज में दवा बेचो|
एक मिलीजुली सांठगांठ के तहत बाजार में सामान बेचा जा रहा है|
दवाई बनाने वाली कम्पनियाँ सरकार के अधिकारियों, सत्ता के नेताओं , पार्टीओं को पैसा देकर हर टेस्ट के फेल (मतलब इलाज न करने योग्य) दवाओं को बेच रही हैं, अपने MR के द्वारा डाक्टरों को कमिशन देकर दवा लिखवाती हैं, डाक्टरों/हास्पिटलों को 25%-60% तक कमीशन और फ्री सैम्पल दिया जाता है|
यैसे ही टेस्ट के नाम पर डाक्टरों/हास्पिटलों को 20%-50% कमीशन दिया जाता है|
कम क्षमता के कारण आप हम ठीक नहीं होते या दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण अन्य बीमारियो के शिकार हो रहे रहे, बहुत से गंभीर बीमारी में युवा मर रहे हैं|
हमारे पर्सनल डाक्टरों ने हमें PS देते थे या फिर रिकमंड करते थे, हम इसकी पुरी जानकारी है कि किस तरह यह पुरा सिस्टम जनता को लुट रहा है|
पूरा खेल ही सरकार और अधिकारियों के साथ कम्पनियों की सांठगांठ से बदस्तुर चल रहा है, कोई आवाज नही|

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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