
एटा में बसपा ने खेला मुस्लिम कार्ड. मोहम्मद इरफान एडवोकेट को प्रत्याशी बनना लगभग तय एटा जनपद में. लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जिसमें. भारतीय. जनता पार्टी ने अपना प्रत्याशी सांसद राजू भैया और राजवीर को बनाया है. जो तीसरी बार मैदान में है. समाजवादी पार्टी ने बाहर के उम्मीदवार Devesh शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है. एटा जनपद महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है. जिसमें लंबे इंतजार के बाद आज बहुजन समाज पार्टी ने एटा जनपद में एक बार फिर मुस्लिम कार्ड खेला है. यहां पर कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए. एटा जनपद की जमीन से जुड़े हुए मुस्लिम नेता. मोहम्मद इरफान एडवोकेट को अपना प्रत्याशी लगभग तय कर दिया. मोहम्मद इरफान एक सुलझे हुए कुशल एवं दीवानी के व्यस्त अधिवक्ता के साथ-साथ समाजसेवी. एवं पिछले 40 वर्षों से कांग्रेस से जुड़े होने के कारण उनकी पकड़ हर क्षेत्र हर वर्ग हर समाज और हर. जाति में बताई जाती है. मोहम्मद इरफान को अपना प्रत्याशी घोषित करने के लिए स्थानीय बहुजन समाज पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता. उनके पार्टी में शामिल होने के उपरांत ही उनसे जुड़े हुए थे और उनके साथ. कई पार्टी कार्यक्रमों में भी देखे गए. बहुजन समाज पार्टी ने एटा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव और रोचक कर दिया है. या तीसरी बार मैदान में उतारे सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया जो कल्याण सिंह के पुत्र हैं. तीसरी बार एटा से भाग्य आजमा रहे हैं वहीं दूसरी ओर. समाजवादी पार्टी को कोई स्थानीय प्रत्याशी नहीं मिला और उन्होंने जनपद औरैया के. बिधूना क्षेत्र से. रहने वाले देवेश शाक्य को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. जनपद एटा का लोकसभा क्षेत्र बाद विस्तृत क्षेत्र है जहां. एटा जनपद की दो विधानसभा 104 एट 105 मारहरा और संपूर्ण कासगंज के क्षेत्र. की तीन सीट कासगंज अमापुर पटियाली के मतदाता मतदान करते हैं. भाई अलीगंज क्षेत्र. फर्रुखाबाद सीट के लिए. तथा जलेसर क्षेत्र. आगरा सीट के लिए मतदान करता है. जनपद एटा और कासगंज के विधानसभा क्षेत्र एटा लोकसभा सीट के लिए मतदान करते हैं. इन दोनों जनपदों में मुस्लिम बाल मतदाता अपनी एक अलग अहमियत रखते हैं. बसपा में शामिल हुए. मोहम्मद इरफान एडवोकेट भी एटा लोकसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं. उनके मैदान में होने के कारण. एटा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव त्रिकोणीय स्पष्ट नजर आ रहा है. हालांकि इसके साथ-साथ कुछ और छोटे दल भी. अपना प्रत्याशी मैदान में उतार सकते हैं. लेकिन मामला यहां यह स्पष्ट हो गया है कि मुकाबला तो फिर त्रिकोण ही होगा. एटा से निशकांत शर्मा की रिपोर्ट.