
मथुरा ब्रेकिंग…गोकुल में भगवान श्री कृष्ण -बलराम के बाल स्वरूपों ने खेली हुरियारिनों के संग छड़ीमार होली , अद्भुत लीला देख, श्रद्धालुओ ने लिया जमकर छड़ी मार होली का आनन्द,*
*भगवान श्री कृष्ण और बलराम के बचपन के 5 वर्ष गोकुल में ही बीते थे,*
*एकमात्र गोकुल में ही छड़ी मार होली का आयोजन किया जाता है, अन्यत्र जगहों पर लठमार ,होली का प्रचलन है,*
*होली खेलने के लिए जो छड़ी तैयार की जाती हैं उन पर कपड़ा बांधा जाता है ताकि भगवान के बाल शुरू को और हुरियारिनो की छड़ी से कोई चोट ना लगे,*
*बरसाना ओर नंदगाँब में होली खेलने के लिए लाठियों को तेल पिलाया जाता है, और हुरियारिन ओर हुरियारो को भी दूध दही मक्खन और काजू बादाम खिलाकर होली खेली के लिए तैयार किया जाता,*
*भगवान श्री कृष्ण का विग्रह डोली में सवार होकर नंद किले से निकलता है, जिसके आगे कृष्ण बलराम के स्वरूप होते हैं ,गोकुल नगरी का भ्रमण करते हुए डोला मुरलीधर घाट पर आकर समाप्त होता है ।यहां पर दिव्य और भव्य छड़ीमार होली का आयोजन होता है।*