मुंगेर की सियासी लड़ाई में नया मोड़ आ गया

मुंगेर की सियासी लड़ाई में नया मोड़ आ गया है। ललन सिंह जेडीयू के सांसद हैं और अभी तक उनका चुनाव लड़ना तय है। ऐसे में राजद ने ललन सिंह के खिलाफ 17 साल भागलपुर की जेल में बंद रहे बाहुबली अशोक महतो को चुनाव लड़ने की तैयारी के लिए कहा था। कल रात अशोक महतो ने शादी की है। और माना जा रहा है कि ललन सिंह के खिलाफ अशोक महतो की पत्नी राजद से चुनाव लड़ेगी।
अशोक महतो और अखिलेश सिंह जो कि बीजेपी विधायक अरुणा देवी के पति हैं उनके बीच 90 के दशक में खूनी संघर्ष होता रहा है। नवादा, शेखपुरा के इलाके में करीब 200 से ज्यादा लोगों की जान इस संघर्ष में गई थी। दोनों नवादा के रहने वाले हैं। अशोक महतो पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करते जबकि अखिलेश अगड़ी जातियों का।
अब मुंगेर में लालू यादव ने ललन सिंह को हराने के लिए बाहुबली का सहारा लिया है। वैसे पिछली बार भी यहां से अनंत सिंह की पत्नी नीलम कांग्रेस उम्मीदवार थी। लेकिन तब भूमिहार बनाम भूमिहार हुआ था और ललन सिंह जीते थे। अब अशोक महतो की पत्नी के आने से चुनाव अगड़ी पिछड़ी जाति का रंग लेगा और आसपास की सीटों को भी प्रभावित करेगा ।
ऐसे में इलाके का समीकरण बदल सकता है। बड़ी बात ये है कि मुंगेर में कोई भी नेता लगातार दो बार जीता नहीं है। अगर यही ट्रेंड रहा तो ललन सिंह को मुश्किल होगी। इन सबके बीच सूरजभान सिंह की तस्वीर क्लीयर नहीं है। नवादा में कौन लड़ेगा, बीजेपी किसे लड़ाएगी। विवेक ठाकुर लड़ते हैं तो बाहरी बनाम स्थानीय का मामला उठ सकता है। अरुणा देवी, उनके पति अखिलेश सिंह, पूर्व विधायक अनिल सिंह जैसे लोकल नवादा लड़ने की लाइन में हैं।
अब मुंगेर और नवादा की किलेबंदी के लिए ललन सिंह को सूरजभान का साथ हर हाल में चाहिए। बेगूसराय के लिए भी। ऐसे में ललन सिंह की जगह जेडीयू मुंगेर में सूरजभान को भी ट्राई कर सकती है। मुंगेर नहीं तो नवादा से सूरजभान को साथ रखना एनडीए की जरूरत बन गई है। देखते रहिए अशोक महतो की शादी से कितना समीकरण बनता और बिगड़ता है

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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