किसान सभा का 5वां राज्य सम्मेलन कल से सूरजपुर में : विजू, अवधेश, बादल पहुंचे

किसान सभा का 5वां राज्य सम्मेलन कल से सूरजपुर में : विजू, अवधेश, बादल पहुंचे ; हर गांव और हर किसान को संगठन से जोड़ने की बनाई जाएगी योजना

रायपुर। देश के सबसे बड़े किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा का 5वां राज्य सम्मेलन कल से सूरजपुर जिले के कल्याणपुर गांव में होने जा रहा है। यह सम्मेलन 3 मार्च तक चलेगा। इस दो दिनी सम्मेलन में पूरे राज्य से निर्वाचित 150 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सम्मेलन का मार्गदर्शन करने के लिए प्रेक्षक के रूप में किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव विजू कृष्णन तथा राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी अवधेश कुमार और बादल सरोज भी पहुंच चुके हैं।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते ने दी। उन्होंने बताया कि देश में गहराते कृषि संकट और मोदी सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ न्यूनतम साझा मांगों पर पूरे देश में किसान संगठनों को एकजुट करने और किसान समुदाय को लामबंद करने में किसान सभा की महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्व व्यापार संगठन अमीर देशों के हितों में जिन नीतियों को भारत पर थोपना चाहता है, वे नीतियां भारतीय खेती और किसानों को बर्बाद करने वाली है। अपनी कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के कारण मोदी सरकार विश्व व्यापार संगठन के सामने घुटने टेक रही है, लेकिन देश का किसान समुदाय इन नीतियों के खिलाफ लड़ रहा है।14 मार्च को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।

किसान सभा नेता ने बताया कि राज्य सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी और किसानों को एकजुट करके व्यापक आंदोलन छेड़ने और और हर गांव व हर किसान को किसान सभा से जोड़ने की योजना पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में फसल की सकल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने, किसानों को कर्ज मुक्त करने, राज्य में पेसा और वनाधिकार कानून को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने, हसदेव का विनाश रोकने और बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे राज्य प्रायोजित हमलों को रोकने, प्राकृतिक संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण और विस्थापन को रोकने, ग्रामीणों को मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रूपये रोजी देने, किसानों को सस्ती दरों पर इनपुट उपलब्ध कराने जैसे सवालों पर स्वतंत्र और साझा आंदोलन विकसित करने के बारे में फैसले लिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की सबसे ज्यादा मार सीमांत और लघु किसानों तथा आदिवासी और दलितों पर पड़ रही है। इन तबकों की समस्याओं को विशेष रूप से चिन्हित किया जाएगा और प्रतिरोधी संघर्ष खड़ा करने की योजना बनाई जाएगी। किसान सभा नेता ने बताया कि किसान सभा के आह्वान — हर गांव में किसान सभा और किसान सभा में हर किसान — के नारे पर अमल करने के लिए भी सांगठनिक योजना बनाई जाएगी। सम्मेलन में नई राज्य समिति और नए पदाधिकारियों का चुनाव भी किया जाएगा।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks