एटा,नाट्य शास्त्र के प्रणेता भरत मुनि स्मृति दिवस एवं संत रविदास जयंती के अवसर पर संस्कार भारती, एटा (ब्रज प्रांत) के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला कार्यालय पर संपन्न हुआ। सरस्वती पूजन के बाद
सरस्वती वंदना का वाचन कृष्ण मुरारी लाल मानव द्वारा किया गया। संस्कार भारती के ध्येय गीत- साधयति संस्कार भारती भारते नव जीवनम- का गायन मयंक तिवारी ने किया। इसके बाद
अशोक चौहान ने गीत सुनाया-
कभी कच्चा बनाती थी, कभी पक्का बनाती थी।
मगर मां जो बनाती थी, बहुत अच्छा बनाती थी।
कृष्ण मुरारी लाल मानव ने कविता पढ़ी-
मृदु बांसुरी बजैया, बलदाऊ जी को भैया।
मेरी नैया को खिवैया, मदन मुरारी हैं।डॉ सुधीर पालीवाल ने सामयिक प्रसंग पर कविता सुनाई- घर की इज्जत बाजारों में अच्छा नहीं हुआ।खबर छपी है अखबरों में अच्छा नहीं हुआ।।महेश मंजुल ने-आदमी की जिंदगी में हमेशा डर रहा।
क्योंकि करनी और कथनी में बहुत अंतर रहा।दिनेश प्रताप सिंह चौहान ने भरत मुनि की प्रशंसा में कहा-दिया हमारे विश्व को, नाट्यशास्त्र का ज्ञान,जिसे कहें विद्वान सब, पंचम वेद महान।
उमाकांत शर्मा ने चिंतन पूर्ण काव्य पाठ करते हुए कहा-
वो करें चिंता नफा नुकसान की,हमको घाटे फायदे से हो गए। प्रांतीय संरक्षकआचार्य डॉ .प्रेमीराम मिश्र ने नाट्यशास्त्र के रचयिता भरत मुनि के कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छह हजार
श्लोकों में रचित नाट्यशास्त्र एक युग की रचना न होकर शताब्दियों के साहित्यिक प्रयास का परिणाम है। यह ग्रंथ आलोचना शास्त्र का ही नहीं ,अपितु ललित कलाओं की समीक्षा का भी सर्वमान्य ग्रंथ है ।इसने काव्यशास्त्र की दो ढाई हजार वर्ष की परंपरा को चिंतन के धरातल पर प्रभावित किया है। इसमें नाट्यशास्त्र की उत्पत्ति तथा अभिनय के नाना प्रकारों से संबद्ध विषयों का सर्वांगीण विवरण है। शताब्दियों बाद भी यह ग्रंथ अपनी महत्ता के लिए स्मरण किया जाता है ।आपने संत रविदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालने के बाद उनके चिंतन पर आधारित अपना यह पद प्रस्तुत किया- रे साधो! सोई मानुष मोहि भावै। ऊंच-नीच को भेद त्यागि जो सबको गले लगावै।। संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष अनूप सिंह भावुक ने यह कविता सुनाई-जब से यह संदेश मिला तुम आओगे मधुमास में।
सिहर उठा धरती का यौवन इंद्र धनुष आकास में।। अंत में आपने सभी आगंतुकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर आर.एस.एस. के विभाग प्रचारक कुलदीप जी, जिला प्रचारक विकास जी, जिला कार्यवाह डॉ संजीव पांडेय, प्रांतीय संरक्षक एडवोकेट अविनाश शर्मा रामू भटेले, संस्कार भारती के जिला महामंत्री प्रदीप तोमर, विकास शर्मा अक्षत पांडेय आदि उपस्थिति रहे। काव्य गोष्ठी का कुशल संचालन वरिष्ठ कवि महेश मंजुल ने किया।