घर का भाग्य नहीं सौभाग्य बनी सृष्टि

घर का भाग्य नहीं सौभाग्य बनी सृष्टि। डॉक्टरेट की मानद उपाधि का बनाया विश्व रिकॉर्ड। कहते है ज़ब बेटा होता है तो घर का भाग्य उदय होता है पर ज़ब बेटी जन्म लेती है तो भाग्य सौभाग्य बन जाता है। इस बात को चारितार्थ किया फरीदाबाद की सृष्टि गुलाटी ने। जी हा हम आपको बताने जा रहे है कल्कि फाउंडेशन ट्रस्ट की ब्रांड एम्बेसडर फरीदाबाद की रिकॉर्ड गर्ल सृष्टि के बारे मे। एक और नया रिकॉर्ड बनाकर विश्व मे किया अपना नाम। क्रीडेंस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज हुआ सृष्टि का नाम। सृष्टि पुरे विश्व की पहली ऐसी बेटी है जिसको सबसे कम सात वर्ष की उम्र मे ऑनरेरी डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। नन्ही सृष्टि गुलाटी को समाज सेवा मे उत्कृष्ट योगदान और वीडियो सन्देश के माध्यम से जन जागरूकता लाने पर मैजिक बुक ऑफ़ रिकॉर्ड की और से ऑनरेरी डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस रिकॉर्ड के लिए सृष्टि गुलाटी का नाम क्रीडेंस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज किया गया। सृष्टि फरीदाबाद हरियाणा के डी.सी.मॉडल.सीनियर. सेकेंडरी.स्कूल की प्रतिभाशाली छात्रा है। रिकॉर्ड बनने के बाद विद्यालय और परिवार मे ख़ुशी का माहौल है। सभी ने एक स्वर मे सृष्टि की प्रशंसा की साथ ही निकट भविष्य मे और भी रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रेरित किया। माता प्रिया गुलाटी ने कहा की गर्व है बेटी पर। कल्कि फाउंडेशन ट्रस्ट की ब्रांड एमबेसडर सृष्टि का नाम विश्व रिकॉर्ड मे शामिल होने के साथ ही सभी और से बधाईया भी मिल रही है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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