सहाब कहाँ सो रहे हो …?*

*शराब के नशे में सीओ कार्यालय के सामने सर्दी में पड़ा रहा शराबी*
एटा । फिल्मी ग़ज़ल की ये पंक्तियाँ भले सीख दें, लेकिन कोई ले तो ठीक वरना, तो जो जहाँ हैं बस सो रहा हैं । *“हुई महंगी बहुत ही शराब थोड़ी थोड़ी पीया करो”* बाबजूद लोग इसका सेवन करते समय सारी सीमाएं पार कर देते हैं । हालाँकि इसके जीते जागते नमूने जहाँ तहाँ मिल जाते हैं। बाबजूद रोकथाम के लिये कोई ठोस प्रयास नहीं किये जाते । परिणाम अत्यधिक शराब का सेवन कर लोग जहाँ तहाँ पड़े मिलते हैं । बरहाल ताजा नमूना बुधवार की रात सीओ सिटी कार्यालय के सामने का हैं जहाँ तख्त के नीचे अत्यधिक शराब के नशे में एक व्यक्ति ठंड से ठिठुरता रहा ।