
“संकट निवारण एवं सन्तान में रिद्धि सिद्धि श्रीवृद्धि के लिए खास है संकट चतुर्थी”
–प.दुर्गेश शुक्ल
सोमवार को रात में मनाने बाली मंगलवार को सुबह मनाने बाली सकट चौथ
एटा। माघ मास की कृष्ण पक्ष की संकट चतुर्थी (सकट चौथ)29 जनवरी दिन सोमवार चंद्रोदय के बाद मनाई जायेगी।मगलवार को 30 जनवरी को दिन में मनाने बाली होगी। अपनी परंपरा के अनुसार इस दिन व्रत और अर्घ्य देकर व्रत का परायण सुहागिन स्त्रियां और सन्तानवती माताये व्रत खोलेंगी । भगवान गणेश को समर्पित इस तिथि में मनाए जाने बाले व्रत का खास महत्व है।प्रख्यात आचार्य प दुर्गेश शुक्ल ने बताया इस व्रत को विधि विधान और श्रद्धा से करने बाली स्त्रियों के सभी संकटो का निवारण होता है।विवाहित सुहागिन स्त्रियां इसे सन्तान में रिद्धि सिद्धि और श्रीवृद्धि की कामना के साथ करती है इस हेतु गणपति को पूजा अर्चना से प्रसन्न करती है। सन्तान के कल्याण की कामना के साथ सुहागिन स्त्रियां पति की आयु वृद्धि सुख समृधि के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
पंडित शुक्ल में बताया जो भक्त साधिकाएं इसे दिन में मनाती हैं वह सूर्योदय के समय तिलकुट के साथ मिश्रित जल का अर्घ्य दे जो मंगलवार को है और जो सांय काल इस पर्व को मनाती है वह चन्द्र उदय होने पर तिलकुट मिश्रित जल का अर्घ्य सोमवार को देकर गणपति की पूजा अर्चना के साथ व्रत को पूरा करें तो विशेष फलदायी है। उन्होंने कहा इस पर्व और व्रत का फल सद्य फलदायी होता है व्रती जनों के मनवांछित कामनाएं भगवान गणपति शीघ्र पूरा करते हैं।