
*पत्रकार और अधिवक्ता का चोला ओढ़े, दिनेश निगम दद्दा का महिला पत्रकारों को बोले गए अपशब्द और पत्रकारिता का मखौल उड़ाते वीडियो वायरल*
शातिर अपराधी दिनेश निगम की भाषा सुन आपको बंद करने पड़ेंगे अपने कान
सुनिए खुद को पत्रकारों का अध्यक्ष और अधिवक्ता बताने वाले इक्षाधारी दिनेश निगम दद्दा की विष भरी वाणी
बाँदा… वैसे तो पत्रकार समाज का आईना होता है। जनता और जिम्मेदारों के बीच सेतु का काम करता है। पर समय के साथ इस सम्मानित पेसे को कुछ अपराधिक इतिहास वाले, नटवरलाल टाइप के लोग दीमक बनके खोखला कर रहे हैं। बांदा में स्वयंभू प्रेस क्लब का अध्यक्ष बना हुआ दिनेश निगम दद्दा (जिसका अपराधिक इतिहास है)। महिलाओं के लिए ऐसी टिप्पणी कर रहा है जिसको सुनकर अमर्यादित शब्द भी कम पड़ जाएगा। *पुलिस विभाग को तत्काल इसके ऊपर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।*
यह सिर्फ महिलाओं को ही नहीं पूरे पत्रकार समाज को भद्दी भद्दी गालियां दे रहा है। इतना ही नहीं *इसके गैंग में एक से एक हिस्ट्री सीटर अपराधी भी है*, जिनके ऊपर मूर्ति चोरी, अपहरण, रंगदारी, पुलिस से मारपीट जैसे मामले दर्ज हैं। *इसकी गैंग में एक इंजीनियरिंग कॉलेज से भगाया गया कंप्यूटर ऑपरेटर भी है।* जो की एक पूर्व विधायक के यहां ऑफिस बनाकर कई मार्केटिंग संस्थाएं बनाए हुए हैं। और तत्कालीन डीएम हीरालाल के जमाने में साठ गांठ करके लाखों रुपए प्रशासन के खा चुका है।
उक्त नटवरलाल दिनेश निगम दादा की भाषा शैली और इसके गैंग का परिचय प्राप्त करके अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, क्या इस शातिर अपराधी को खुला घूमने देना चाहिए या इसे सलाखों के अंदर बंद कर देना चाहिए। और *यदि इसके ऊपर कार्यवाही नहीं होती तो पत्रकारिता के पेशे और महिलाओं को सम्मान को लेकर के बड़ा सवाल खड़ा होगा।*