मार्क्सशीट के साथ डिग्री भी मिलती थी, उस पर फर्जी मुहर लगाकर सत्यापन तक


आगरा, । नौकरी प्राइवेट हो या सरकारी। पहला सवाल यही होता है पढ़ाई कहां तक की है। ताजनगरी में हाईस्कूल फेल 20 हजार में बीए पास कर रहे थे। उन्हें मार्क्सशीट के साथ डिग्री भी मिलती थी। उस पर फर्जी मुहर लगाकर सत्यापन तक किया जाता था। बीए ही नहीं बीएससी, बीएड, बीफार्म, बीकॉम कोर्स कोई भी हो उसकी फर्जी अंकतालिका और डिग्री गैंग बेच रहा था। एसटीएफ आगरा यूनिट ने ऐसे ही एक गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ा है। गैंग का सरगना वर्ष 2007 में भी जेल जा चुका है। आरोपियों में डॉ. आंबेडकर विवि व जेएस यूनीवर्सिटी के कर्मचारी शामिल हैं।

एसटीएफ के सीओ उदय प्रताप सिंह ने बताया कि सूचना पर इंस्पेक्टर हुकुम सिंह को टीम के साथ गिरोह पर शिकंजे की जिम्मेदारी दी गई थी। बुधवार की रात टीम ने ताजगंज में देवरी रोड स्थित रचना पैलेस इलाके से चार आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया विभिन्न राज्यों के विवि व यूपी सहित अन्य प्रदेशों के माध्यमिक शिक्षा परिषद की अंकतालिका बेचते हैं।

आरोपियों के पास कई विवि और बोर्डों की अंकतालिका बरामद हुईं। पकड़े गए आरोपियों में अर्जुन डॉ. आंबेडकर विवि का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। वहीं मोहित गुप्ता जेएस यूनीवर्सिटी शिकोहाबाद में टेक्निकल बाबू है। गैंग का सरगना नेकराम है। चौथे आरोपित का नाम पंकज शर्मा है। वह मधुनगर, सदर का निवासी है।विवि के कई लोग मिले हुए हैंएसटीएफ के अनुसार अभी तो सिर्फ विवि का एक कर्मचारी पकड़ा गया है। गैंग में डॉ. आंबेडकर विवि के कई लोग मिले हुए हैं।

उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। सुराग जुटाए जा रहे हैं। आरोपियों के पास अकेले डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि की 250 से अधिक अंकतालिका बरामद हुई हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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