सर्दी की चपेट में आने से युवा भी सीने में दर्द, हार्ट अटैक का शिकार



एटा, । कड़ाके की सर्दी जानलेवा होती जा रही है। उससे बच्चे, बुजुर्गों के सामने बड़ी कठिनाई उत्पन्न हो गई है। सर्दी की चपेट में आने से युवा भी सीने में दर्द, हार्ट अटैक का शिकार हो रहे है। मेडिकल कॉलेज ओपीडी में भी सर्दी से प्रभावित मरीजों की संख्या 30 से 40 रह रही है।

बुधवार देरशाम शहर के शांतिनगर निवासी 22 वर्षीय उज्ज्वल तौमर पुत्र जितेंद्र कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके पिता ने बताया कि बुधवार देरशाम पुत्र के सीने में अचानक दर्द होने की शिकायत पर उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल में ले गए। उपचार के दौरान मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में गुरुवार को इसके अलावा सीने में दर्द के दो मरीज आए। उसमें शांतिनगर निवासी 55 वर्षीय मीरा देवी और दलेजपुर के रामवीर सिंह है। चिकित्सकों ने रामवीर की हालत गंभीर देखते हुए आगरा रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत के प्रतिदिन 10 से 12 मरीज पहुंच रहे है। सांस लेने में दिक्कत होने वाले मरीजों को चिकित्सक तत्काल ऑक्सीजन देने के साथ उपचार दे रहे हैं।

ओपीडी में रोजाना आ रहे सीने में दर्द के 30 से 40 मरीज

मेडिकल कॉलेज ओपीडी में भी सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत होने वाले मरीज बढ़ रहे है। डॉ. मानवेंद्र सिंह ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 30 से 40 मरीज इन बीमारियों के आ रहे हैं। इसके अलावा ओपीडी में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को ओपीडी में लगभग 150 मरीजों को परीक्षण कराकर उपचार को परामर्श दिया है। चिकित्सक ने बताया कि सर्दी की वजह से रक्त धमनियां सिकुड़ जाती है। खून भी गाढ़ा हो रहा है। ऐसे में खून का प्रवाह कम हो जाता है। उससे सीने में दर्द और हार्ट अटैक जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। उससे बचने के लिए लोगों को सर्दी से बचाव करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सांस, अस्थमा के मरीजों को भी सर्दी से दिक्कत हो रही है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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