
भारत सरकार सिम खरीदने से जुड़े नए नियम ला रही है. इसके तहत अब बिना KYC प्रक्रिया के सिम नहीं खरीदा जा सकेगा. साथ ही, यूजर्स को सिम खरीदने के लिए आधार कार्ड के साथ-साथ अपना डेमोग्राफिक डेटा भी देना होगा.
एक आईडी पर 9 से ज्यादा सिम नहीं खरीदे जा सकेंगे. वहीं बंद हो चुके नंबर 90 दिनों तक किसी नए यूजर को जारी नहीं किए जाएंगे. इन नियमों का मकसद साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाना है. सरकार के मुताबिक सिम बेचने वाले 67,000 डीलरों को ब्लॉक किया गया है.
सिम बेचने वालों के लिए नए नियम ये हैं कि अब उनका भी वेरिफिकेशन किया जाएगा. इसके बिना थोक में सिम नहीं खरीदे जा सकेंगे. विक्रेताओं के वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर पर होगी. नियम तोड़ने पर विक्रेताओं पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक 1 दिसंबर से नया नियम लागू कर रहा है कि बैंक लोन देने के बदले ग्राहकों की प्रॉपर्टी के जो कागजात जमा करते हैं, वे उन्हें लोन चुकता होने के एक महीने के भीतर लौटाने होंगे. अगर कोई बैंक ऐसा नहीं करता है, तो उस पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
उधर नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने पेमेंट ऐप्लिकेशनों से ऐसी UPI आईडी और नंबर बंद करने को कहा है, जिन्हें सालभर से ज्यादा वक्त से इस्तेमाल नहीं किया गया है. पेमेंट ऐप्लिकेशनों को 31 दिसंबर तक यह काम पूरा करना है.