“मैं विक्रम साराभाई हूं।”


एक दिन धोती और शॉल ओढ़े एक सज्जन चेन्नई के समुद्र तट पर बैठकर भगवत गीता का पाठ कर रहे थे।

उसी समय एक लड़का वहाँ आया और उनसे बोला:

“क्या आप आज भी विज्ञान के इस युग में ऐसी किताब पढ़ते हैं ?”

देखिए, इस समय हम चाँद पर पहुँच गए हैं
और,
आप इस गीता और रामायण के फेर में फंसें हैं।”

उस सज्जन ने लड़के से पूछा:
“तुम गीता के बारे में क्या जानते हो?”

लड़के ने सवाल का जवाब नहीं दिया और उत्साह से कहा:

“ये सब पढ़कर क्या होगा”,

“आप जानते हैं, मैं विक्रम साराभाई रिसर्च इंस्टीट्यूट का छात्र हूं, और एक वैज्ञानिक हूं”।

यह गीता पाठ व्यर्थ है।”

लड़के की बात सुनकर वो सज्जन हंस पड़े।

तभी दो बड़ी गाड़ियाँ वहाँ आकर रुकीं।

एक कार से कुछ ब्लैक कमांडो उतरे और दूसरी कार से एक सिपाही l

सिपाही की पोशाक पहने उस आदमी ने कार का पिछला दरवाज़ा खोला, सलाम ठोका और कार के दरवाज़े के पास खड़ा हो गया।

जो सज्जन गीता का पाठ कर रहे थे, धीमी गति से कार में चढ़े और बैठ गए ।

ये सब देखकर लड़का हैरान रह गया l
उसने सोचा कि यह आदमी कोई प्रसिद्ध व्यक्ति लगता है।

किससे पूछें इसके बारे में, कोई नहीं मिल रहा, पूछने के लिए…

तब, लड़का दौड़कर उन्हीं के पास गया और पूछा,
“सर, सर, आप कौन हैं?”

सज्जन ने बड़े शांत स्वर में कहा:

“मैं विक्रम साराभाई हूं।”

लड़के को 440 वोल्ट का झटका लगा।

क्या आप जानते हैं यह लड़का कौन था?

डॉ अब्दुल कलाम।

उसके बाद डॉ. कलाम ने भगवत गीता पढ़ी।

रामायण, महाभारत और अन्य पुस्तकें भी पढ़ीं।
इस गीता को पढ़ने के परिणामस्वरूप,
डॉ. कलाम ने जीवन भर मांस न खाने का वादा किया था।

उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा,
गीता एक विज्ञान।

गीता,रामायण,महाभारत भारतीयों की अपनी सांस्कृतिक विरासत का एक महान गौरवपूर्ण अनुसरण है..!!
🙏🙏🏻🙏🏼जय श्री कृष्ण🙏🏽🙏🏾🙏🏿

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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