
इस साल २७ नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन शिवजी ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी के साथ चंद्रदेव की पूजा करने से भक्तों की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। इस दिन गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान करना बहुत फलदाई है।
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि-
पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत २६ नवंबर को दोपहर ०३ बजकर ५२ मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन २७ नवंबर को दोपहर ०२ बजकर ४५ मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा २७ नवंबर २०२३ को मनाई जाएगी। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा, पूर्णिमा व्रत, कार्तिक गंगा स्नान-दान करना शुभ होगा।
कार्तिक पूर्णिमा महत्व-
हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बहुत पवित्र माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा के बाद जागते हैं। इसके अलावा इस माह में तुलसी जी का भी विवाह किया जाता है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है।
आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ पर दूध में शक्कर मिलाकर चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से आपको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और धन-दौलत में बढ़ोतरी होगी।
वहीं यदि काफी प्रयास के बाद भी आपको करियर और कारोबार में तरक्की नहीं मिल पा रही है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को केसर की खीर का भोग लगाएं। साथ ही विधि-विधान से मां लक्ष्मी की उपासना करें। उनकी पूजा में पीली कौड़ियां चढ़ाएं। फिर अगले दिन सुबह उन कौड़ियों को धन की तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से करियर और कारोबार में तरक्की मिलेगी और धन में भी वृद्धि होगी।
यदि आप पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया है और जीवन में सुख-समृद्धि का अभाव है तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में जाकर दीपदान करें। ऐसा करने से आपको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
सभी स्नेहीजनों को
कार्तिक पूर्णिमा की
हार्दिक शुभकामनाएं.!
भगवान श्रीहरि विष्णु सब का मङ्गल करें !