एटा में स्कूली बच्चों को जल-जागरण से जोड़ गई जल ज्ञान यात्रा

एटा में स्कूली बच्चों को जल-जागरण से जोड़ गई जल ज्ञान यात्रा

  • जल जीवन मिशन की अनूठी पहल में भाग लेने के लिए स्कूली बच्चों में दिखा उत्साह
  • स्कूली बच्चों ने जल संचयन और संरक्षण पर आधारित क्विज प्रतियोगिता में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये
  • नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से गांव-गांव में दी जा रही जल सप्लाई प्रक्रिया देखी
  • स्कूली बच्चों को मिली जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना की पूरी जानकारी
  • स्कूली छात्र-छात्राओं ने जल जांचने की प्रक्रिया देखी, खुद भी जांचे पानी के सैंपल
  • …जल जीवन मिशन की शुरुआत कब हुई, जल जीवन मिशन की घोषणा किसने की, विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है आदि अनेक प्रश्नों के उत्तर सोमवार को परिषदीय स्कूल के बच्चों ने बिना झिझके दिये। उनके अंदर जल जागरूकता पर आधारित क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने का उत्साह देखने को मिला। जल संचयन और संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक का भी उन्हाेंने आनन्द लिया। कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को एटा के जलेसर स्थित ओवर हेड टैंक में देखने को मिला। मौका था, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल ”जल ज्ञान यात्रा” का, जिसमें सरकारी स्कूलों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जल निगम के अधिकारियों ने उनको जल जागरण के प्रति प्रोत्साहित किया।

जल ज्ञान यात्रा में शामिल स्कूली बच्चों को सबसे पहले जल निगम लैब ले जाया गया। जहां उनको जल जांच की प्रक्रिया दिखाने के साथ भूजल उपचार से संबंधित जानकारियां दी गईं। बच्चों को भी जल के नमूनों को जांचने का मौका दिया गया। फील्ड टेस्ट किट प्रशिक्षित महिलाओं ने पानी की 11 तरह की जांच करके दिखाई। स्कूली बच्चों को शुद्ध पेयजल सप्लाई से परिपूर्ण जलेसर गांव घुमाया गया। यहां उन्होंने नल से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे ग्रामीणों से बातचीत की और योजना से मिले फायदे को उनकी जुबानी सुना। यात्रा में स्कूली बच्चों ने शुद्ध पेयजल की सप्लाई की आपूर्ति प्रक्रिया को भी देखा। जल ज्ञान यात्रा में स्कूली बच्चों को बताया गया कि हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवार किस तरह से लाभान्वित हो रहे हैं। स्कूली बच्चों के लिए ओवर हैड टैंक परिसर में क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जल जागरूकता से संबंधित कई तरह के प्रश्न पूछे गये। स्कूली बच्चों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल संचयन और संरक्षण की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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