
एटा, । जिले की 50 से अधिक ग्राम पंचायत ऐसी हैं जो सरकारी पैसे को खर्च नहीं कर पा रही हैं। एक वर्ष से अधिक का समय होने के बाद जिम्मेदारों को इसकी भनक लग सकी। गांव के विकास कार्यों को लेकर शासन से लेकर अधिकारियों तक का जोर है। एक पंचायत तो ऐसी है जिसके खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। बार-बार जनता के कहने के बाद भी काम नहीं करा रहे।
हर वर्ष गांवों में विकास कार्य कराने के लिए पैसा आता है। 50 गांव ऐसे हैं जो काम कराने के लिए तैयार नहीं है। पूरा वर्ष बीतने को है। इन गांवों में फूटी कौड़ी तक खर्च नहीं की है। सरकार से जो पैसा मिला वह उनके खातें में ही पड़ा है। 569 ग्राम पंचायतों में से 50 पंचायतें हैं जिनके खाते में पांच लाख रुपये अधिक है। इसमें भी अधिकांश पंचायतें ऐसी है जिनमें 25 लाख रुपये से लेकर डेढ़ करोड़ रुपया तक पड़ा है। पैसा खर्च न होने पर सरकार की इन पंचायतों पर नजर गई तो स्थानीय जिम्मेदारों को पता चला कि यह पंचायतें तो कोई काम ही नहीं करा रही है। इनके खातों में विकास के लिए जो पैसा आया है वह खर्च नहीं हुआ है।
गांवों में है खराब हालात एटा। पैसा खर्च न होने के कारण गांवों में हालात खराब है। कई गांवों में जल भराव के कारण गंदगी के अंबार लगे हैं। इससे लोग आए दिन तहसील दिवस आदि में पहुंचकर शिकायतें करते हैं। करीब चार गांवों में डीएम ने टीम भेजकर सफाई कराई है।
इन पंचायतों में है अधिक पैसा एटा। ग्राम पंचायत अंगरई जमुनाई में 1.68 करोड़, खडउआ में 50 लाख, पिलुआ में 28 लाख, अलीपुर में 40 लाख, कीलरमऊ आदि गांव की ग्राम पंचायतों के खाते में इतना पैसा है। इसके अलावा पांच लाख से अधिक रूपया है।