
ये जो एक जैसी दिखाई पड़ने वाली सब्जी देख रहे है न, हालांकि एक जैसे दिखाई देती नहीं है
लेकिन अरहर, चना, मटर सब दालो को पीली दाल कहने वाले इसे एक जैसा ही मानेगे! हाँ तो इस सब्जी की फोटो किसी के पोस्ट से लिया हूँ, सिर्फ ये बताने के लिए कि इनमे से एक #तरोई है एक #नेनुआ है।
गांव में रहने वाले लोग ये फर्क जानते है, शहर वाले confuse हो जाते है। इस नेनुआ ने तरोई के नाम पर ऐसा कब्जा जो किया हुआ है कि जो लोग जानते है कि ये नेनुआ है वो भी जब खरीदने जाते है तो कहते है –भैया!..एक किलो तोरई देना।
बहुत जगह झिंगनी के नाम से भी जानी जाती है,लेकिन तरोई का भाव नेनुवा से ज्यादा ही है बिहार में पर्व है जिउतिया इस दिन झिगनी का दाम आसमान छूता है अब इसमे #झिगनी कौनसी है ये आप decide करे।
यहां भी गड़बड़ है क्योंकि गाँव मे तरोई कहते है और शहरी लोग #तोरई कहते है।
खैर हमको क्या करना है आप लोग कुछ भी बोलिए लेकिन भोजन में हरी सब्जी जरूर शामिल कीजिये…. मुझे तो इतना कहना था बस।
अमीर लोग बीमारी लगने के बाद इसे खाते है, आप अभी से खाना शुरू कर दे, बीमारी दूर रहेगी।
स्वाद भी है, सेहत भी है, मेहनत कम है, बचत भी है।