
प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों में भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध: राजू आर्य
बोले मुख्यमंत्री की बेदाम छवि को भूमिल करने का कर रहे हैं प्रय्रास
सरकार को ठोस कदम उठाकर भ्रष्ट लोगों को करना चाहिए बेनकाब
एटा। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। मुख्यमंत्री की छवि बेदाग है, उनकी छवि को लोग जानबूझकर धूमिल करना चाहते हैं। ऐसे भ्रष्ट लोगों के चलते सरकार के प्रति नकारात्मक भावना फैल रही है। इन सब को देखते हुए सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि भ्रष्ट लोग बेनकाब हो सकंे और अपराधी जेल जा सकें, यह वक्तव्य भारतीय गौ रक्षा वाहिनी वृजक्षेत्र के अध्यक्ष, राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग के युवा प्रदेश अध्यक्ष, कट्टर विश्व हिन्दू परिषद नेता व दैनिक क्रांति जागरण के संपादक रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने मंगलवार को दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पहली बार एक संत की सत्ता का अनुभव प्राप्त कर रही है। संत की सत्ता के कई अच्छे पहेलू हैं तो कुछ खामियां भी नजर आ रही है। पिछली सरकारों के मुकाबले इस सरकार के कामकाज का तरीका काफी बदला−बदला है। विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। भयमुक्त प्रदेश बनाने के लिये अपराधियों से सख्ती से निपटा जा रहा है। कई नामी बदमाश और अपराधी या तो पुलिस मुठभेड़ में मार दिये गये हैं या फिर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिये गए हैं। भूमि, खनन, नकल जैसे माफियओं की कमर तोड़ दी गई है तो खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर भी शिकंजा कसा गया है।
श्री आर्य ने आगे कहा कि प्रदेश के विकास के लिये कटिबद्ध सीएम योगी अपने स्वभाव के अनुसार सरकारी मशीनरी के पेंच कस रहे हैं तो अपने मंत्रियों के कामकाज पर भी उनकी पैनी नजर है ताकि सरकार की विकास योजनाओं को आसानी से धरातल पर उतारा जा सके। उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश के सीएम बनने के दौरान वह दौर भी देखा था जब अखिलेश के सत्ता संभालते ही सपा के नेता और कार्यकर्ता गुंडागर्दी पर उतारू हो गये थे। जगह−जगह मारपीट की खबरें आ रही थीं, परंतु बीजेपी की सरकार बनने के बाद ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला। योगी के मंत्री भी फूंक−फूंक कर कदम रख रहे हैं।
योगी सरकार और संगठन के लोग जानते हैं कि प्रदेश में जब कानून का राज स्थापित होगा और जनता को विकास का फायदा मिलेगा तभी २०१९ की राह आसान हो पायेगी। इसके लिये जरूरी है कि सरकार के साथ−साथ ब्यूरोक्रेसी भी अपना काम पूरी ईमानदारी से करे। खाकी वर्दी सीधे−साधे लोगों पर दबंगई दिखाने की बजाये अपराधियों पर शिकंजा कसे। यह सब तभी हो सकता है जब सीएम योगी नौकरशाही की लगाम कस पायेंगे। इसके साथ−साथ उन्हें ऐसे नौकरशाहों को आगे लाना होगा जिनकी सरकारी तंत्र पर पकड़ मजबूत हो और छवि बेदाग। नौकरशाहों के ऊपर किसी पार्टी या जाति विशेष का ठप्पा न लगा हो। मगर इस मोर्चे पर अभी योगी सरकार खरी नहीं उतरती दिख रही है, जिसको लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की कानपुर के कारनामे लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। ताजा मामला कानपुर के बेकनगंज पुलिस का सामने आया है। वीकेंड लॉकडाउन के दौरान बिना मास्क के घूम रहे एक बकरे को पुलिस जीप मे डालकर थाने ले आई। इसके बाद जब मालिक थाने पहुंचा तो पुलिस ने बकरे को घर में ही रखने की हिदायत देकर छोड़ दिया। बेकनगंज पुलिस के इस हास्यास्पद सतर्कता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ऐसी घटनाएं पुलिस को तो हास्य का पात्र बना ही रही हैं साथ ही सरकार की किरकिरी भी जमकर करा रही हैं।