पत्रकारिता में जरूरी है जमीनी अनुभव

पत्रकारिता में जरूरी है जमीनी अनुभव

अभी से कुछ वर्षों पहले तक देश के ज्यादातर संस्थानों और विश्वविद्यालयों में पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने की मंशा रखने वाले छात्रों के लिए विश्व विद्यालयों के हिंदी विभाग से ही हिंदी पत्रकारिता और अंग्रेजी से अंग्रेजी पत्रकारिता का पाठ्यक्रम संचालित होता था। वर्तमान में कुछ वर्षों से कई विश्वविद्यालयों में पत्रकारिता के विशेष विभाग स्थापित हो गए हैं। इनके माध्यम से हिंदी पत्रकारिता में प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान रखें कि एक सफल पत्रकार बनने के लिए एक अलग मिजाज, देर तक काम करने की आदत और कई वर्षों का धैर्य और संघर्ष बेहद आवश्यक है। पत्रकारिता में रोजगार अवसर अपेक्षाकृत कम हैं, अत किसी बड़ी सफलता के लिए आपका संघर्ष लंबा हो सकता है। आपको समाचार पत्र में ‘संवाद सूत्र’ यानी स्ट्रिंगर के रूप में अपना करियर प्रारंभ करना होगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत, आप पार्ट टाइम अखबार या चैनल के लिए कार्य करेंगे और यदि आपका कोई समाचार पसंद आया, तो उसके बदले थोड़े पैसे मिलेंगे। कई वर्ष ऐसा करने के बाद यदि हाउस को ऐसा लगता है कि आपमें पूर्णकालिक पत्रकार बनने के आवश्यक तत्व हैं, तो आपको वह नियमित रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है। इसके लिए भाषा पर मजबूत पकड़, व्याकरण का ज्ञान और हिंदी टाइपिंग एवं यूनिकोड की जानकारी होना मूलभूत योग्यताओं में शामिल है। अत यदि आप इस क्षेत्र में प्रवेश करने की ठान चुके हैं, तो अपने लेख विभिन्न समाचारपत्रों को भेजना प्रारंभ कर दें और इसे लगातार जारी रखते हुए किसी बड़े अवसर के लिए प्रयास करते रहें।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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