सुविकसित एवं संतुलित व्यक्तित्व को प्राप्त करने का माध्यम है योग
डा.चंद्रमणि

सुविकसित एवं संतुलित व्यक्तित्व को प्राप्त करने का माध्यम है योग
डा.चंद्रमणि।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में संचालित ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर में शनिवार 10/06/23 को सहायक कुलानुशासक डॉ. रीना चटर्जी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की मूल धरोहर है जिसके ज्ञान में जीवन दर्शन का संपूर्ण रहस्य छिपा हुआ है जिसके अंगीकरण करने से जीवन उत्कर्ष एवं सुखमय होकर लक्ष्य प्राप्ति में सफलता प्राप्त करता है क्योंकि शास्त्रों में कथन है कि सफल वही व्यक्ति होता है जो शरीर से स्वस्थ्य हो निरोग हो एवं मन के स्तर पर संयत शांत व संतुलित हो। इसलिए कहा जाता है कि – योग जीवन जीने की कला सिखाता है। वर्तमान् एवं भविष्य में मानव कल्याण हेतु योग सहयोगी होगा। व्यक्ति के जीवन में अन्तरंग और बहिरंग स्तर पर उसके व्यक्तित्व में परिवर्तन लाने में योग सहायक सिद्ध होगा ऐसा विश्वास है। अतः जो मनुष्य योग को अपने जीवन में अपनाएगा उसके जीवन में अवश्य ही परिवर्तन एवं बहुगुणी प्रतिभा का विकास होकर वह सुखी व समृद्ध बनेगा। पुनः हमारे राष्ट्र में राम कृष्ण बुद्ध जैसे महापुरुष उत्पन्न होंगे एवं भारत विश्व गुरु बनेगा।

ग्रीष्मकालीन महिला योग शिविर के सफलतापूर्वक 53 वे दिन योग ट्रेनर के रूप में डॉक्टर चंद्रमणि ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक सुविकसित और संतुलित व्यक्तित्व को प्राप्त करने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसके अंतर्गत यम- नियम हमें सामाजिक एवं जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं तथा योगांक हमें सुविकसित एवं संतुलित व्यक्तित्व प्रदान करने में सहायक भूमिका निभाते हैं पर प्रकाश डाला। डॉ चंद्रमणि योग एवं नेचुरोपैथी एजुकेशन सेंटर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है। साथ ही वह योग एक्सपर्ट डाइटिशियन काउंसलर, प्राणीक हीलर के साथ वर्ल्ड प्रनिक हीलिंग फाउंडेशन की इंस्ट्रक्टर और योगामृत हॉलिस्टिक हेल्थ मैनेजमेंट सेंटर की डायरेक्टर भी है। उन्होंने आज के योगाभ्यास का आरंभ गायत्री मंत्र प्रार्थना से किया। तत्पश्चात सूक्ष्म व्यायाम कराते हुए महिलाओं के लिए लाभकारी आसनों में सूर्यनमस्कार उत्तानपादासन पश्चिमोत्तानासन बालासन तिर्यक ताड़ासन कटिचक्रासन शलभासन पादहस्तासन अर्धमत्स्येंद्रासन भुजंगासन विपरीत करनी आसन सर्वांगासन के साथ अनुलोम विलोम प्राणायाम नाड़ी शोधन प्राणायाम भस्त्रिका प्राणायाम ओम उच्चारण के पश्चात विश्व शांति प्रार्थना के साथ आज के अभ्यास का उत्साह पूर्वक समापन कराया।
आज शिविर में प्रोफेसर भारती रस्तोगी डॉ अनीता गौतम किरण मिश्रा एवं परिसर के आसपास की अनेक महिलाएं उपस्थित रही।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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