भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गाँधी जी का पुण्यतिथि “बलिदान दिवस” के रूप में मनाया गया

जिला व महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गाँधी जी का पुण्यतिथि “बलिदान दिवस” के रूप में मनाया गया।

आज दिनांक 21 मई को देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.राजीव गाँधी जी का पुण्यतिथि जिला/महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में “बलिदान दिवस” के रूप में मनाया गया।मैदागिन राजीव चौक पर स्तिथी स्व. राजीव गाँधी जी के प्रतिमा पर कांग्रेसजनो ने पुष्प अर्पित कर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने नेता को याद किये।
इस मौके पर मुख्य रूप से उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री मा0 श्री अजय राय जी उपस्थिति रहे।
प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष ,पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा की हम आधुनिक भारत के निर्माता भारत रत्न स्व.राजीव गाँधी जी पुण्यतिथि पर अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते है।आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले नेता थे राजीव गांधी जी।भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मक़सद इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण है। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं।देश की कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फ़ैसलों का नतीजा है। 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी जी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक थे।स्व.राजीव गांधी ने विषम परिस्थितियों में देश के प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभाले राजीव गांधी जी के साथ करोड़ों भारतीयों के मन में आधुनिक भारत की आशाएं, आकांक्षाएं और सपने जाग उठे। राजीव गांधी जी ने एक जननेता और प्रधानमंत्री के रूप में देश को पुननिर्माण एवं विकास के पथ पर अग्रेषित किया। उन्होंने भारत को आधुनिक, खुशहाल और एक मजबूत राष्ट्र बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा की भारत रत्न स्व. राजीव गांधी जी एक सच्चे लोकतंत्रवादी थे, एक ऐसे व्यक्ति थे जो सदा नये विचारों और रचनात्मक आलोचनाओं का स्वागत करते थे। राजीव जी ने अपने निष्कलंक सार्वजनिक और राजनैतिक जीवन में जिस भी भूमिका का निर्वहन किया, उसमें वे पूर्ण रूप से खरे उतरे। एक सांसद, प्रधानमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने जो भी भूमिका निभाई, सभी में राष्ट्रहित में समर्पण भाव से अपने दायित्व का निर्वहन किया स्व.राजीव गांधी जी भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के प्रथम सूत्रधार थे। आज जिस डिजिटल इंडिया की बात पूरे देश में हो रही है,उसकी आधारशिला स्व.राजीव गांधी जी ने ही रखी थी। संचारक्रांति का शंखनाद कर राजीव जी देश में कम्प्यूटर क्रांति के जनक बने राजीव जी का विश्वास था कि भारत का भविष्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के द्वारा ही संवारा जा सकता था ऐसे ही उत्कृष्ट कार्य कर उन्होंने देश को संवारा था।
जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा की स्व.राजीव गाँधी जी टेक्नालाॅजी,प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में नये कार्यक्रमों को बढ़ावा दिए तथा पेयजल, खाद्यान्न, दूरसंचार, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रगति हेतु विभिन्न टेक्नोलाॅजी मिशन गठित किए।राजीव गाँधी जी का एजेंडा भारत का विकास ही था और विकसित आधुनिक भारत उनका सपना था स्व. राजीव गांधी जी ने अपने सतत् प्रयासों से देश के जनमानस में ऐसी उत्कृष्ट छाप छोड़ी कि उनके दुनिया में नहीं रहने के बाद भी सदियों तक आदर के साथ वे हमेशा याद किए जाते रहेंगे। ऐसे युग पुरूष का जीवन, उनकी शहादत और स्मृतियां हमेशा देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी।
कार्यक्रम का संयोजन महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे व जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने किया।
उक्त मौके पर सर्वश्री प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री अजय राय,जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल,महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे,पार्षद गुलशन अली,दुर्गा प्रसाद गुप्ता,सजीव सिंह,फ़साहत हुसैन बाबू,डॉ राजेश गुप्ता,दिलीप चौबे,मनीष मोरोलिया,बेलाल अंसारी,इस्लाम जी,हसन मेहदी कब्बन,अब्दुल हमीद,पारसनाथ यादव,प्रमोद वर्मा,विनय जायसवाल,सतीश गुप्ता,आसिष गुप्ता,रोहित दुबे,परवेज खां,सतीश सिन्हा,श्रवण गुप्ता,कुँवर बबलू बिंद,किशन यादव,विवेक यादव, अनिल पटेल,दीपक यादव,मंगलेश सिंह,राम आसरे पटेल,जितेन्द्र मिश्रा,आशिष शर्मा, समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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