
‘बिलियन डॉलर का धोखा’, बंद हुआ 2000 का नोट तो ‘मोदी सरकार’ पर CM ममता ने साधा निशाना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है।सीएम ममता बनर्जी ने इसे ‘बिलियन डॉलर का धोखा’ कहा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि उन्होंने ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का किया है। सीएम ममता की टिप्पणी आरबीआई के फैसले के घंटों बाद बाद आई है। सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए 2016 में नोटबंदी के कारण लोगों को हुई ‘पीड़ा’ को याद किया और कहा कि इसे भुलाया नहीं जा सकता है।
ममता बनर्जी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ”तो यह 2000 रुपये का धमाका नहीं था, बल्कि एक अरब भारतीयों के लिए एक बिलियन डॉलर का धोखा था। जागो मेरे प्यारे भाइयों और बहनो, नोटबंदी के कारण हमने जो पीड़ा झेली है, उसे भुलाया नहीं जा सकता है और जिन लोगों ने उस पीड़ा को जन्म दिया था उन्हें ‘माफ नहीं किया जाना चाहिए।”
आरबीआई ने शुक्रवार (19 मई) को अपनी अधिसूचना में सभी बैंकों को ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत तत्काल प्रभाव से 2000 के नोट जारी करने से रोकने का निर्देश दिया गया है। हालांकि यह कहा गया है कि नागरिक 30 सितंबर 2023 तक किसी भी बैंक शाखा में करेंसी नोट जमा करने में सक्षम हो सकते हैं।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2016 में 500 और 1,000 के नोटों का विमुद्रीकरण करने के बाद 2,000 के नोट पेश किए गए थे। केंद्रीय बैंक ने 2018-2019 में इन करेंसी नोटों की छपाई बंद कर दी थी। इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ से घटकर 3.62 लाख करोड़ हो गया था जो 31 मार्च 2023 को केवल 10.8 फीसदी है।