युवाओं को महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले के विचारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है : प्रो0 के0के0 सिंह।

वाराणसी । महाराणा प्रताप का पूरा जीवन राष्ट्र सेवा एवं समाज की कल्याण में व्यतीत हुआ। वे आजीवन राष्ट्र के उत्थान हेतु प्रयासरत रहे । महाराणा प्रताप एक सच्चे देशभक्त एवं क्रांतिकारी योद्धा थे। राष्ट्र के उत्थान की दिशा में वे अपने जीवन काल में घास की रोटियां तक खाई लेकिन अपने उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं किया। भारत मां की रक्षा के लिए एक वीर सपूत की भांति विरोधी ताकतों से लोहा लेते रहे। वर्तमान समय में युवाओं को महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की जरूरत है। हम सभी को उनके विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है तभी हम एक बेहतर राष्ट्र के निर्माण की संकल्पना को साकार कर सकते हैं।
उक्त बातें संकायाध्यक्ष, छात्र कल्याण संकाय एवं समन्वयक पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ प्रोफ़ेसर के0 के0 सिंह ने राष्ट्रीय चेतना के उद्भव में राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले का योगदान विषयक वैचारिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा l इसके साथ ही आपने गोपाल कृष्ण गोखले के व्यक्तित्व एवं उनके विचारों की प्रासंगिकता एवम स्वतन्त्रता आंदोलन में योगदान पर भी प्रकाश डाला l अंत में आपने इस बात पर बल दिया कि युवाओं को महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले के विचारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
बता दें कि यह कार्यक्रम महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती के अवसर पर छात्र कल्याण संकाय एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया l
उक्त विषयक वैचारिक गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ने महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले दोनों को क्रांतिधर्मी चेतना का संवाहक बताया। आपने दोनों महापुरुषों के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों की चर्चा करते हुए संगोष्ठी में उपस्थित सभी श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट किया तथा बताया कि महाराणा प्रताप एवं गोपाल कृष्ण गोखले दोनों के व्यक्तित्व अनुकरणीय है।
इस वैचारिक गोष्ठी में प्रो0अनुकूल चंद्र राय ,डॉ0 निशा सिंह, डॉ0 पारिजात सौरभ ,डॉ0 सुरेंद्र प्रताप सिंह आदि ने भी विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 सतीश कुमार एवं डॉ0 किरन सिंह ने संयुक्त रूप से किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 उर्जस्विता सिंह ने किया।
इस अवसर पर डॉ0अमिताभ सिंह नीलू, अनूप दुबे,के साथ भारी संख्या में शोध छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।