खुद से लड़ रहा है नगर पालिका एटा

खुद से लड़ रहा है नगर पालिका एटा*

चुनाव के दो दिन बाकी होने के बाद क्या शहर मेँ होगा यह सभी भलीभांति जानते है। लेकिन वर्तमान की परिस्थिति क़ो बीजेपी ने अपने माकुल बनाने की कोशिश टिकट से लेकर बसपा के प्रत्याशी क़ो बैठाने तक की है वही कुछ दिनों से कई संघटनो के समर्थन भी जुटाये है। परंतु कड़ी परिस्थिति क़ो गौर से देखे तो बीजेपी अपने प्रत्याशी के चयन मेँ धोखा खा गई है।जिसकी वज़ह से बीजेपी के स्थानीय नेताओं क़ो डोर टू डोर केम्पन करना पड़ रहा है और उत्तर प्रदेश के DCM केशव देव मौर्य क़ो भी जनपद की धरा पर लाना पड़ा है। इधर शहर मेँ दो और प्रत्याशी मौजूद होने अहसास करा रहें है कि वो इस बार जोर का झटका देंगे। सपा से जहीर अहमद के साथ मुस्लिम वोटर व यादव वोटर पार्टी के साथ खड़ा होता दिखाई दें रहा है लेकिन यादव वोटर के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि निर्दलीय प्रत्याशी मीरा गाँधी भी यादव समाज से ही आती है, ऐसे मेँ यादव के लिए पार्टी और जाति मेँ से एक क़ो चुनना है,अगर यादव  समाज ने मीरा क़ो चुना तो पार्टी की नाक कट जाएगी और पार्टी क़ो चुना तब समाज के प्रत्याशी की घनघोर बेज्जती बीजेपी के सामने होंगी ही। यादव वोटर सम्भवतय अब परिस्थिति के अनुसार वोट करेगा।

*सुधा गुप्ता *

बीजेपी प्रत्याशी सुधा गुप्ता का चेहरा खुद मेँ शहर की जनता के लिए ना पहचाना है लेकिन बीजेपी ने बेदाग चेहरा देकर शहर के लिए एक पसंद जरुर दी है। लेकिन कितना सार्थक होगा यह समर्थन देने वाले संघठन तय नहीं करेंगे धरातल पर वैठा वोटर तय करेगा।

*ब्राह्मण की नाराजगी *

ब्राह्मण की नाराजगी कितनी सार्थक होंगी यह कहना अभी सही नहीं है लेकिन ब्राह्मण नाराज है यह भलीभांति जिले क़ो अहसास हो चूका है। लेकिन ब्राह्मण के बेहद ख़राब चेहरे जैसे जिन्हे सिर्फ खरीद फरोख्त करने का गुण तो आ सकता है लेकिन वोट क़ो जीत मेँ बदलने का गुण नहीं आता हो ऐसे ब्राह्मण चेहरों के बलबूते बीजेपी अपनी नाव पार करने जा रही है।

*बीजेपी का ठाकुर *

सभी जातियों के समावेश होने के बाद ही बीजेपी बनती है लेकिन नगर पालिका चुनाव मेँ ठाकुर समाज की भागीदारी दूर दूर तक नहीं दिखाई दें रही है। कही ऐसा तो नहीं की ठाकुर समाज ने अपनी ठेकेदारी फिक्स कर ली हो।क्योंकि बीजेपी के कोर वोट के रूप मेँ इस वर्ग क़ो भी माना जाता है। लेकिन सहभागिता के रूप मेँ ठाकुर समाज के बड़े नेताओं के चेहरे दिखाई नहीं दिए है।फिर बीजेपी किस रास्ते मंजिल जीत रही है??

*दलित समाज के ठेकेदार *

जिले के दलित समाज क़ो खरीद कर बेचना बसपा की फितरत ने दलित के सम्मान क़ो भी गिराया है। बीजेपी ने एक मुश्त प्रत्याशी क़ो ख़रीदा तो वही निर्दलीय प्रत्याशी मीरा गाँधी ने बसपा का समर्थन खरीद कर दलित वोटर क़ो मुँह के बल गिरा दिया है। अब दलित वोटर करें तो क्या करें…. बसपा के साथ जाये या फिर जहाँ प्रत्याशी गया वहां जाये..!!!

जीत हार मेँ कल फिर एक बड़ा विश्लेषण लेकर आएंगे कि मीरा गाँधी के कार्यकाल मेँ कितना घपला हुआ और बीजेपी प्रत्याशी सुधा गुप्ता की पकड़ मेँ शहर की डोर क्यों कमजोर हो रही है. सपा प्रत्याशी जहीर अहमद क़ो किसका लगा है श्राप…..

कल मिलते है…. 
दो दिन लगातार चुनाव की जमीनी हकीकत बताने के लिए।
*आपको यह भी बतायेगे की कौन प्रत्याशी जीत रहा है और कितने वोट से……..*

*एक बड़े विश्लेषण के साथ*

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks