हरियाणा सरकार का तोहफा, 70000 पुलिस व जेल कर्मी बिना टिकट कर सकेंगे रोडवेज बस में सफर

हरियाणा सरकार का तोहफा, 70000 पुलिस व जेल कर्मी बिना टिकट कर सकेंगे रोडवेज बस में सफर

हरियाणा पुलिस और जेल विभाग के लगभग 70 हजार कर्मचारियों को मनोहर लाल सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। ये कर्मचारी फिर से दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ के बाहर बिना टिकट यात्रा कर सकेंगे, बशर्ते, वे डयूटी पर हों। निजी कार्य के लिए जाने पर टिकट लगेगी। परिवहन विभाग ने 31 दिसंबर 2019 के आदेशों को वापस लेते हुए नए सिरे से इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

विभाग के प्रधान सचिव ने निदेशक परिवहन को पत्र लिखकर इन्हें अमल में लाने के लिए कहा है। परिवहन विभाग ने बीते वर्ष पुलिस व जेल कर्मचारियों से प्रदेश के बाहर जाने पर रोडवेज बसों में रियायती दरों पर यात्रा की सुविधा वापस ले ली थी। हरियाणा, चंडीगढ़ व दिल्ली जाने पर ही पहचान पत्र दिखाकर ये कर्मचारी बिना टिकट लिए यात्रा कर सकते थे।

सरकार ने अब निर्णय लिया है कि दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ से बाहर अन्य राज्यों में बेल जंपर्स, भगौड़ों को कोर्ट के समन, वारंट जारी करने व जांच के लिए पुलिस व जेल अधिकारियों, कर्मचारियों की टिकट नहीं लगेगी। रोडवेज बस में टिकट काटने के लिए कहने पर उन्हें कंडक्टर को ड्यूटी स्लिप, कोर्ट आदेश दिखाने होंगे।

हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ में यात्रा करने पर पहचान पत्र ही काफी होगा। अगर वे राज्य से बाहर निजी यात्रा पर जाते हैं तो टिकट लेनी होगी। उसमें कोई रियायत नहीं मिलेगी। प्रधान सचिव परिवहन ने निदेशक को इन आदेशों से सभी डिपो को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी, हरियाणा पुलिस व डीजी जेल को भी इसकी कॉपी भेजी गई है।

170 से 180 रुपये कट रहे प्रतिमाह
पुलिस व जेल कर्मचारियों के वेतन से हर महीने हरियाणा परिवहन में यात्रा करने के लिए 170-180 रुपये काटे जाते हैं। जिससे उन्हें रोडवेज की बसों में बिना टिकट यात्रा की सुविधा मिलती थी। बीते दिसंबर में परिवहन विभाग ने रियायती यात्रा को दिल्ली, चंडीगढ़ व हरियाणा में ही यात्रा तक सीमित कर दिया था। यह निर्णय एक पुलिस कर्मचारी के हिमाचल प्रदेश में रोडवेज बस में यात्रा करने पर टिकट को लेकर हुए विवाद के बाद अमल में लाया गया था।

डीजीपी, डीजी जेल ने विभिन्न बैठकों में उठाया मुद्दा
डीजीपी व डीजी जेल ने विभिन्न बैठकों में पुलिस व जेल कर्मचारियों को बिना टिकट दूसरे राज्यों में यात्रा करने की सुविधा प्रदान करने का मुद्दा उठाया था। इसे लेकर सीएम मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज से भी बातचीत की गई। तब जाकर परिवहन विभाग ने दिसंबर 2019 के आदेशों में संशोधन किया है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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