सभी माफिया इस समय खासे बेचैन, रिपोर्ट योगेश मुदगल

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। अतीक गैंग का हश्र देखकर यूपी पुलिस की ओर से चिह्नित किए गए सभी माफिया इस समय खासे बेचैन हैं। कुल 64 लोगों की इस सूची में 10 से ज्यादा तो पूर्व जनप्रतिनिधि हैं। सूचीबद्ध माफिया में से 37 जेल इस समय में हैं तो 27 अभी भी बाहर हैं। फरार चल रहे माफिया तो सीधे तौर पर पुलिस के निशाने पर हैं।
कई लड़ चुके हैं चुनाव इस सूची में शामिल गोरखपुर का विनोद उपाध्याय बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ चुका है तो ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह अपना दल से विधानसभा चुनाव लड़ चुका है।
इसी तरह प्रयागराज का दिलीप मिश्रा, अंबेडकरनगर का अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही तथा गोरखपुर का सुधीर कुमार सिंह ब्लॉक प्रमुख रह चुका है। इसके अलावा कई ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों जैसे मां, पत्नी या भाई को जन प्रतिनिधि निर्वाचित कराया।
इन जेलों में बंद हैं मौजूदा समय में रिजवान जहीर ललितपुर, मुख्तार अंसारी बांदा व विजय मिश्रा आगरा जेल में बंद हैं जबकि बृजेश सिंह, रामू द्विवेदी व राजन तिवारी जमानत पर बाहर हैं।
इसी तरह पूर्व ब्लॉक प्रमुखों में दिलीप मिश्रा सेंट्रल जेल फतेहगढ़ और अजय सिपाही अयोध्या जेल में बंद हैं, जबकि सुधीर कुमार सिंह जमानत पर बाहर है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की सख्ती बढ़ने के बाद फरार चल रहे माफिया न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की फिराक में हैं।
पूर्व सांसद और एमएलसी भी शामिल
डीजीपी मुख्यालय द्वारा तैयार की गई इस सूची में पूर्व सांसद व पूर्व विधायक से लेकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख तक शामिल हैं। इनमें बलरामपुर का पूर्व सांसद रिजवान जहीर, मऊ का पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, भदोही का पूर्व विधायक विजय मिश्रा, मेरठ का पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी, वाराणसी का पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह, देवरिया का पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी और गोरखपुर निवासी और बिहार का पूर्व विधायक राजन तिवारी प्रमुख है।