प्रदेश सरकार द्वारा कानून व्यवस्था के दावों को झूठा बताती अमेठी आत्मदाह की घटना- राजू आर्य

प्रदेश सरकार द्वारा कानून व्यवस्था के दावों को झूठा बताती अमेठी आत्मदाह की घटना- राजू आर्य

● दबंगों को संरक्षण दे रहे प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय नेता।

● मुख्यमंत्री के अपराध मुक्त प्रदेश के स्वप्न पर फिर रहा पानी।

● जांच में लापरवाह पाए गए थानाध्यक्ष समेत 4 पुलिस कर्मी निलंबित।

एटा।जनवादी पत्रकार संघ के प्रदेश प्रभारी, भारतीय गौरक्षा वाहिनी के अध्यक्ष ब्रजप्रान्त एवं कट्टरवादी हिन्दू नेता रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने अमेठी की माँ-बेटी द्वारा लखनऊ विधानसभा के सामने खुद को आग के हवाले कर आत्मदाह करने की घटना को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह घटना प्रदेश में सुचारू और न्यायपूर्ण कानून व्यवस्था का दावा करने वाले शासन और प्रशासन के मुंह पर तमाचा है।
बता दें कि अमेठी के जामो की रहने वाली 50 वर्षीय महिला के साथ नाली के विवाद में स्थानीय दबंग द्वारा हुई मारपीट की शिकायत पुलिस द्वारा पंजीकृत न कर, दबंगों से सांठ गांठ होने की वजह से उल्टा मुक़दमा महिला के नाम ही दर्ज कर लिया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा न्याय न मिलता देख महिला ने अपनी बेटी समेत लखनऊ विधानसभा के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की और गंभीर रूप से घायल हो गईं। डीएम और एसपी शुक्रवार को पीड़िता के घर पहुंचे जहां उन्होंने निरीक्षण करने के बाद मामले में जामो थाना प्रशासन की लापरवाही पाई। डीएम अरुण कुमार ने लापरवाही बरतने वाले जामो के एसएचओ रतन सिंह, हल्का के दरोगा ब्रह्मानंद तिवारी और दो सिपाहियों समेत चार को सस्पेंड कर दिया है। उधर अस्पताल में भर्ती मां-बेटी का हालत पर डॉक्टरों ने बताया है कि मां की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं बेटी को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।
आर्य ने कहा कि प्रदेश भर में दबंगों की प्रशासनिक अधिकारियों से सांठ गांठ के दर्जनों मामले सामने आते रहते हैं। जिसमें लेखपाल, कानूनगो तथा स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ तहसीलदार और एसडीएम स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों और रसूखदार नेता जो जनता की सुरक्षा और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए चुने जाते हैं वे ही अपराधियों के साथ मिलकर गरीब और असहाय लोगों का शोषण करने में साथ देते हैं और उनकी जमीनों और सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करवाने से लेकर कब्जाधारकों के खिलाफ शिकायत दर्ज न होने तक के हर मामले में दोषियों को संरक्षण प्रदान करने जैसे गैरकानूनी कार्य को अंजाम देते है।
आर्य ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा देखे गए अपराध मुक्त, खुशहाल और सुचारू न्याय व्यवस्था वाले प्रदेश के सपनों और मंसूबों पर कुछ प्रशासनिक अधिकारी और कुछ राजनेता अपराधियों को संरक्षण देकर गरीब और असहायों का शोषण और दमन कर पानी फेरने के साथ साथ प्रदेश हित में न्याय व्यवस्था बनाये रखने वाले अधिकारियों और नेताओं के इरादों को धत्ता बता रहे हैं। ऐसे अन्याय पूर्ण कार्य प्रणाली को चलाने वाले नेता और अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए शासन और प्रशासन को मिलकर एक उपक्रम चलाना चाहिए जिसमे ऐसे अपराधों और अपराधियों के साथ संलिप्त लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। जिससे कि प्रदेश में सुचारू कानून व्यवस्था लागू हो सके और आम-जनमानस के भीतर प्रशासन और सरकार के प्रति पुनः विश्वास दृढ़ हो।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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