राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाइयों का सात दिवसीय विशेष शिविर

एटा,जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय, एटा की राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाइयों का सात दिवसीय विशेष शिविर रोज एकेडमी स्कूल, आगरा रोड, एटा में चल रहा है। शिविर के दूसरे दिन आज दिनांक 21 मार्च 2023 को कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदना के साथ हुई। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने एन.एस.एस. की शपथ ली और एन.एस.एस. गीत प्रस्तुत किया। शिविर का आज का दिन नशा मुक्ति अभियान पर केंद्रित रहा। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला आबकारी अधिकारी श्री अभय गंगवार ने सर्वप्रथम एन.एस.एस. वालेंटियर्स को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। उन्होंने अपनी बात संविधान के भाग चार में वर्णित नीति निदेशक तत्वों के उल्लेख से शुरू की। नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 47 में पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य दिया गया है। इसमें राज्य से यह अपेक्षा की गई है कि राज्य विशेष रूप से मादक पेयों और स्वास्थ्य के सुधार को अपने स्वास्थ्य के लिए हानिकर औषधियों के, औषधीय उपयोग के अतिरिक्त किसी अन्य तरह के उपभोग को रोकने का प्रयास करेगा। भारत सरकार द्वारा इसी निदेश के अनुपालन के क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ चलाया जा रहा है। यह केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान है। सरकार इसके माध्यम से आम जनता खासकर युवाओं में नशे की लत के खिलाफ जनजागरूकता पैदा करना चाहती है। नशे की लत के कारण आज का युवा वर्ग दिशाहीन हो रहा है। उन्होंने महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा महात्मा बुद्ध ने नशे को नाश की जड़ बताया था। हमारे जीवन का लक्ष्य आत्मकल्याण को साधना है। हमने स्वयं अपना दीपक बनना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति के लिए प्रतिवर्ष 26 जून को मादक पदार्थ निषेध दिवस मनाया जाता है।भारत में नशा मुक्ति के लिए एनकॉर्ड के नाम से एक पूरा तंत्र विकसित किया गया है। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रति माह इसकी बैठक होती है और प्रगति की समीक्षा की जाती है। स्कूलों और कालेजों को भी इससे जोड़ा जा रहा है ताकि भारत की युवा पीढ़ी को नशे से मुक्ति दिलाई जा सके और एक सशक्त भारत का निर्माण किया जा सके। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना के एटा जिला के नोडल अधिकारी डॉ सुनील विप्रा ने युवाओं को नशे से दूर रहने को कहा। उन्होंने नशाखोरी के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों की ओर ध्यानाकर्षण किया साथ ही उन्होंने सस्टेनेबल डेवलपमेंट की चर्चा करते हुए कहा कि हमें इस तरह की विकास योजनाओं को अपनाने की आवश्यकता जिसमें जिससे भावी पीढ़ियों के लिए भी पर्याप्त संसाधन बचा रहे। इसके लिए हमें अपनी जीवन शैली में व्यापक बदलाव करने पड़ेंगे। जीवन जीने की प्राचीन वैदिक जीवन दृष्टि को पुनः अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने नशे के बारे में कहा कि मानव नशे की लत में तब पड़ता है जब वह चेतना के स्तर पर अपने आप को अधूरा पाता है और उसे पूरा करने के लिए वाह्य जगत में आनंद की खोज करता है यदि वह उस आनंद की खोज अपने अंदर चेतना के स्तर पर करता है तो उसे नशे की आवश्यकता नहीं रहेगी। शिविर में जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय एटा के समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी श्री भूपेंद्र सचान ने कहा कि जबतक हमारे जीवन में कोई बड़ा लक्ष्य नहीं होता है तब तक हम भटकाव की स्थिति में होते हैं। ऐसी स्थिति में कुसंगति में फंसकर लोग नशे के शिकार हो जाते हैं लेकिन जब हमारे जीवन में जब कुछ बनने या नया करने का जुनून पैदा हो जाता है तो जीवन अर्थपूर्ण हो जाता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रोज एकेडमी की प्रधानाचार्या श्रीमती मुकुल भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपने परिवार माता पिता आदि की तरफ ध्यान देकर उनकी खुशियों में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए। हमें नशे की वस्तुओं जैसे शराब ,अफीम आदि से दूर रहना चाहिए। शिविर के दौरान सभी स्वयंसेवकों व स्वयंसेविकाओं ने गीत एवं नाटक के माध्यम से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। स्वयंसेवकों में लोकेश सिंह, विशाल कुमार व अभिषेक तथा स्वयंसेविकाओं में अनामिका वार्ष्णेय, लक्ष्मी, अनन्या, सौम्या, निधि सोलंकी, शिवानी, राधा, छवि, गीता, चंचल, कनक आदि की प्रस्तुतियां विशेष सराहनीय रहीं। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. प्रवेश पांडेय, सहायक प्राध्यापक श्री आनंद सिंह, डॉ. सुधीर पांडेय, श्री विनोद आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) भारत भूषण सिंह परिहार ने सभी स्वयंसेवकों व स्वयंसेविकाओं के उत्साहपूर्ण प्रतिभाग के लिए उनकी सराहना की तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम अधिकारियों श्री संजय यादव, श्रीमती जया गुप्ता एवं डॉ. रत्नेश कुमार मिश्र को बधाई दी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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