मनुष्य को अपने स्वभाव एवं स्वधर्म दोनों पर विचार करना वर्तमान समय की मूल आवश्यकता है

मनुष्य को अपने स्वभाव एवं स्वधर्म दोनों पर विचार करना वर्तमान समय की मूल आवश्यकता है।

G20 के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा दिनांक 17-18 मार्च को “साइकोलॉजी एंड सोसाइटी टुडे: इश्यूज, चैलेंज एंड इंटरवेंशन” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो० आनंद कुमार त्यागी, माननीय कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, मुख्य अतिथि प्रो० गिरिश्वर मिश्र, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा एवं विशिष्ट अतिथि प्रो० अवंत वीर सिंह मदनावत, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजस्थान विश्वविद्यालय रहें। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मनचासीन अतिथियों द्वारा महात्मा गांधी जी व शिव प्रसाद गुप्त जी के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि प्रो० गिरिश्वर मिश्र का सम्मान प्रो० आनंद कुमार त्यागी कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि प्रो० अवंत वीर सिंह मदनावत जी को डॉ० मुकेश कुमार पंथ जी द्वारा अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो० आनंद कुमार त्यागी जी को प्रो० रश्मि सिंह द्वारा अंग वस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया , कार्यक्रम की संयोजिका प्रो० रश्मि सिंह विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग को डॉ० पूर्णिमा श्रीवास्तव द्वारा पुष्पगुच्छ एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की सह-संयोजिका प्रो० शैफाली ठकराल को डॉ० प्रतिभा सिंह द्वारा पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की आरंभिक कड़ी में सर्वप्रथम सरस्वती वंदना डॉ० अनीता, संस्कृति विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई एवं कुलगीत गायन मनोविज्ञान विभाग के छात्रों द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में कार्यक्रम की संयोजिका प्रो० रश्मि सिंह विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मंचासीन अतिथियों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया। प्रो० शैफाली ठकराल द्वारा कार्यक्रम की विषय वस्तु को प्रस्तुत किया गया इस सेमिनार की सोविनियर एवं साइकोलॉजी ऑफ़ स्मार्टफोन एडिक्शन किताब का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि प्रो० गिरिश्वर मिश्र जी द्वारा अपने वक्तव्य जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना आज देश में महत्वपूर्ण चुनौती है मनुष्य का व्यवहार सतत नहीं है मनुष्य सामाजिक एवं मानवीय समस्याओं का समाधान शांति के स्थान पर युद्ध द्वारा तलाशना चाहता हैं प्रो० मिश्र जी द्वारा यह विचार प्रस्तुत किया गया कि वर्तमान समय में अनगिनत मनोवैज्ञानिक समस्याएं समाज में प्रखर रूप से देखने को मिल रही है, जिनके समाधान के लिए मनुष्य को अपने स्वभाव एवं स्वधर्म दोनों पर विचार करना आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि प्रो० अवंत वीर मदनावत ने बताया कि मनोविज्ञान समाज को एक सकारात्मक प्रतिबिंब प्रदान करता है जिससे समाज में नवीन चिंतन एवं अच्छे विचारों का उद्बोधन होता है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है इसीलिए सभी को प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करते हुए शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता बनाए रखनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि श्री हरीश चन्द कुलसचिव महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा कहा गया कि आज पूरे समाज ने नवीन संचार साधनों को अपने वातावरण में सम्मिलित कर लिया है जिससे मानवीय मूल्य प्रभावित हुए हैं, जिससे मनोविज्ञान की महत्वपूर्णता समाज के लिए अति आवश्यक हो गई है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से
प्रो. धनंजय, प्रो. अनुभूति दुबे, प्रो. आभा सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह, प्रो. अनुराग कुमार, प्रो. सुशील कुमार गौतम, प्रो. अजीत कुमार शुक्ला, प्रो. शंभू उपाध्याय, प्रो. अरुण कुमार जयसवाल, प्रो. किरण वाला वर्मा, प्रो. संध्या ओझा, प्रो. ओ. पी. चौधरी, प्रो. जया कुमारी आर्यन, प्रो. रेखा, प्रो. नंदिनी सिंह, प्रो. अंकिता गुप्ता, डॉ संजय कुमार, डॉ. रितु, मोदी डॉ. जय सिंह, प्रो. ध्रुभ भूषण सिंह, डॉ रिचा यादव, प्रो. उदयन मिश्रा डॉ. अभिषेक शर्मा डॉक अंकिता शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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