
एक अनोखी परंपरा
1857 क्रांति के महानायक धनसिंह कोतवाल की जन्मभूमि पांचली खुर्द (मेरठ) में होली पर दुलेंडी (रंग) और अगले दिन तिलहंडे पर नगाड़े बजाने की प्राचीन प्रथा चली आ रही ,सभी लोग प्रेम भाव से मिलकर नगाड़ा बजाते है, युवा ही नहीं बड़े बुजुर्ग भी जोश और जज्बे के साथ नगाड़ा बजाते है, सभी लोग इस परंपरा में शामिल होते है,,दूर दूर से लोग यह प्रथा देखने आते हैं, और साथ ही मेले का आनंद लेते हैं
होली चौक, क्रांतिकारी भूमि पांचली खुर्द, मेरठ
जय हिन्द जय भारत