वेटलैण्ड्स दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण प्रदेश में ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’ का आयोजन किया जा रहा है।

विश्‍व वेटलैण्ड्स दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण प्रदेश में ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’ का आयोजन किया जा रहा है। बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल का राज्य स्तरीय समारोह दिनांक 01 से 03 फरवरी, 2023 तक विजय सागर पक्षी विहार, महोबा में आयोजित किया जा रहा है।

  • विश्‍व वेटलैण्ड्स दिवस के अवसर पर आयोजित ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’ के अन्तर्गत रोड शो, नेचर वॉक, पक्षियों के व्यवहार, घोसलों व भोजन के सम्बन्ध में जानकारी, पक्षी, वेटलैण्ड, कीट-जगत एवं जैव विविधता पर आधारित तकनीकी सत्र, व्याख्यान, आर्ट प्रतियोगिता व फोटोग्राफी के साथ ही ईको पर्यटन स्थलों का भ्रमण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
  • दिनांक 1 से 3 फरवरी तक विजय सागर पक्षी विहार, महोबा में प्रस्तावित बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल के प्री इवेन्ट के रूप में दिनांक 30 जनवरी, 2023 को प्रात 07 बजे 1090 चैराहे से नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ तक वाकाथन आयोजित किया गया। क्रार्यक्रम का संचालन श्री सुनील चौधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रोजेक्ट टाइगर/ अध्‍यक्ष – बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल आयोजन समिति उ0प्र0 लखनउ द्वारा किया गया।
  • मुख्य अतिथि मा0 मंत्री पर्यटन श्री जयवीर सिंह, विशिष्ट अतिथि श्री के0पी0 मलिक, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन श्री मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश श्रीमती ममता संजीव दूबे तथा पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने हरी झण्डी दिखाकर वाकाथन का शुभारम्भ किया।
  • पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित अन्तर्राष्ट्रीय एथलीट सुधा सिंह के नेतृत्व में वेटलैण्ड्स व पक्षियों के प्रति जन सामान्य को जागरुक व संवेदनशील बनाने हेतु आयोजित वाकाथन में लगभग 500 विद्यार्थियों एवं ITBP जवान सहित पर्यटन विभाग व वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

पर्यटन मन्त्री, उत्तर प्रदेश श्री जयवीर सिंह ने ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’, 2023 के ‘लोगो’ व ‘मस्कट’ का अनावरण के पश्चात कहा कि प्रकृति व मनुष्‍य के मध्य बढ़ती दूरी कम करने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए प्रयासों में इको टूरिज्म बोर्ड का गठन, विरासत संस्कृति, परम्परा व प्राकृतिक सौन्दर्य से जुड़े पर्यटन को प्रोत्साहन एवं सड़क, वायु व जल मार्ग की सुविधाओं को सुदृढ़ एवं उन्नत किया जाना शामिल है। माननीय मन्त्री जी ने कहा कि हम सब ग्रामीण पृष्‍टभूमि से जुड़े हैं तथा भोजन करते समय छोटे-छोटे पक्षी हमारे चारों ओर आ जाने पर हम उन्हें भी भोजन देते थे। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के परिणामस्वरूप मनुष्‍य व प्रकृति के मध्य सन्तुलन बिगड़ने के कारण विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। श्री जयवीर सिंह ने कहा कि जीवनशैली में परिवर्तन के कारण तालाबों की संख्या में कमी व जहरीला पदार्थ खाकर पक्षियों की मृत्यु की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। माननीय मन्त्री जी ने कहा कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा तालाबों की पुनस्र्थापना, सुदृढ़ीकरण, सौन्दर्यीकरण एवं अमृत सरोवर के निर्माण की दिशा में गम्भीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।

माननीय मन्त्री जी ने पक्षियों व वेटलैण्ड्स सहित प्रकृति के विभिन्न घटकों के संरक्षण व संवर्धन एवं इन संसाधनों से जु़ड़ने हेतु वन विभाग व पर्यटन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ग्रीष्‍म काल में छत में पक्षियों के लिए जल रखकर पक्षियों के जीवन की रक्षा कर सकते हैं। माननीय पर्यटन मन्त्री ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ न कर सहयोग करने का आह्वाह्न किया।

  • दिनांक 30.01.2023 को पूर्वाहन में मा0 मंत्री पर्यटन, उत्तर प्रदेश श्री जयवीर सिंह अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन श्री मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश श्रीमती ममता संजीव दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, श्री के0पी0 दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुश्रवण एवं कार्ययोजना, श्री कमलेश कुमार, प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश वन निगम, श्री एस0के0 शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, परियोजना, श्री अंजनी आचार्य, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पौधशाला प्रबन्धन, श्रीमती ईवा शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी, श्री संजय श्रीवास्तव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रोजेक्ट टाइगर, श्री सुनील चौधरी, मुख्य वन संरक्षक, प्रशासन(अराजपत्रित), श्री दीपक कुमार, तथा मुख्य वन संरक्षक, प्रचार-प्रसार, श्री पी0पी0 सिंह ने पारिजात सभाकक्ष में ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’, 2023 के ‘लोगो’ व ‘मस्कट’ का अनावरण किया। इस अवसर पर मुकेश सिंह निदेशक इंडो अमेरिकन चेम्बर ऑफ़ कामर्स भी मौजूद रहे ।
  • विजय सागर पक्षी विहार, महोबा में आयोजित ‘बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल’ के राज्य स्तरीय समारोह का शुभारम्भ मा0 राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार), पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान, उत्तर प्रदेश, डॉ अरुण कुमार सक्सेना मा0 राज्य मन्त्री, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान, उत्तर प्रदेश श्री के0पी0 मलिक जी के करकमलों द्वारा किया जाएगा। इस आयोजन में अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, श्री मनोज सिंह, महानिदेशक, वन, श्री चन्द्र प्रकाश गोयल, शासन व वन विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारीगण, पक्षी व वेटलैण्ड्स क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कार्यों से जुड़ी गैर सरकारी संस्थाए, वैज्ञानिक, विद्यार्थी एवं पक्षी प्रेमी प्रतिभाग करेंगे।
  • बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल, 2023 की विषयवस्तु ‘प्रकृति संरक्षण के साथ विरासत सुरक्षा’ निर्धारित की गई है।
  • प्रत्येक वर्ष 02 फरवरी, सम्पूर्ण विश्‍व में विश्‍व वेटलैण्ड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्‍व वेटलैण्ड्स दिवस, 2023 की विषयवस्तु ‘वेटलैण्ड्स पुनर्स्‍थापना ’ निर्धारित है।
  • वेटलैण्ड्स एक विशिष्‍ट प्रकार का पारिस्थितिकी तन्त्र है तथा जैव विविधता का महत्वपूर्ण अंग है। भू व जल क्षेत्र का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणि प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता होती है।
  • उत्तर प्रदेश के 13 वेटलैण्ड्स -नवाबगंज, समसपुर, लाख बहोसी, साण्डी, बखीरा, ओखला, समान, पार्वती अरगा, विजय सागर, पटना, सुरहा ताल, सूर सरोवर एवं डा0 भीमराव अम्बेडकर पक्षी विहार का प्रबन्ध पक्षी विहारों के रूप में किया जा रहा है।
  • प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय महत्व के दस वेटलैण्ड्स-ऊपरी गंगा नदी (बृजघाट से नरोरा तक), नवाबगंज पक्षी विहार, पार्वती अरगा पक्षी विहार, समान पक्षी विहार, समसपुर पक्षी विहार, सांडी पक्षी विहार, सरसई नावर झील, सूर सरोवर (कीठम झील) पक्षी विहार, हैदरपुर पक्षी विहार एवं बखीरा वन्यजीव विहार, रामसर साईट घोषित किए गए हैं।
  • प्रदेश के वेटलैण्ड्स में पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियों में गैंडा, खरगोश (हिस्पिड हेयर) ऊदबिलाव, गांगेय डॉल्फिन, बारासिंघा, बंगाल फ्लोरिकन, सारस, स्वाम्प पाट्रिज, कूट, डार्टर्स, ब्लैक नेक्ड क्रेन, घड़ियाल, मगर, ताजे जल के कछुओं की 14 प्रजातियां, सरपत, मू्ंज, नरकुल, सेवार, तिन्नाधान, काला नमक चावल, कसेरू, जामुन, कमलगट्टा, सिंघाड़ा आदि शामिल हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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