
एटा।शहर में हो रहें है भव्य एटा महोत्सव में कल रात भजन कीर्तन गायक कन्हैया मित्तल का कार्यक्रम लगा था। कार्यक्रम को पूर्णरूपेण सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी गई थी, कार्यक्रम के शुभारम्भ होने से करीब दो घंटे पूर्व ही ADM प्रशासन अलोक कुमार व ADM F/R आयुष चौधरी ( मेला प्रभारी) सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी समय से पूर्व कार्यक्रम में पहुंच गये थे। कार्यक्रम में प्रशासन द्वारा बेहतर व्यवस्था भी कराई गई थी। जिसमें पत्रकार दीर्घा व VVIP एवं अतरिक्त व्यवस्था बैठने की कि गई थी। बैठने के लिए आरक्षित सीटों के साथ सामान्य कुर्सियां के साथ सोफे की भी व्यवस्था सम्मलित थी ।कार्यक्रम सही दिशा की तरफ बढ़ रहा था।
*व्यवस्था का बटाधार कहा से हुआ!*
गायक कन्हैया मित्तल के मंच पर आने से पूर्व ही पुलिस द्वारा एक पास पर पाँच-पांच लोगो को VVIP स्थल तक पहुंचाया गया। पुलिस बल द्वारा व्यवस्था को दुरुस्त करने का कोई मूड शुरू से ही नहीं था। क्योंकि पुलिस डंडा तो फटकार रही थी लेकिन पुलिस सही दिशा में व्यवस्थित खुद नहीं दिखाई दीं। कई बार कार्यक्रम में देखने को मिला की मेला चौकी प्रभारी के कहने पर ही पुलिस दौड़ती थी, जबकि पुलिस की आँखों के सामने कुर्सियों को तोड़ा जा रहा था, पुलिस द्वारा दीं गई शुरुआत की खुली छूट नें भीड़ को बेकाबू कर दिया था,जिससे गायक के मंच तक भीड़ पहुँच गई थी। पत्रकार दीर्घा में कुछ अराजक लोगो को भी देखा गया तो गायक के मंच तक पत्रकारों का सहारा लेकर मंच के आगे की व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया और पुलिस खड़ी की खड़ी देख रही थी।
*इस कार्यक्रम में जिले के बड़े अधिकारी नदारद देखें गये!*
इस कार्यक्रम में जिले के लगभग सभी बड़े अधिकारी नदारद देखने को मिले। कार्यक्रम के कलाकार को देखते हुए इस कार्यक्रम को हुड़दंग में बदलने का भी प्रयास देखा जा सकता है। क्यूंकि कार्यक्रम में जिले के सभी बड़े नेताओ सहित बीजेपी के पदाधिकारियों की उपस्थिति भी शून्य थी, कुछ समय के लिए बीजेपी जिलाध्यक्ष संदीप जैन जरूर आये थे लेकिन दस मिनट बैठने के बाद बापिस हो गये थे।
*एटा महोत्सव में बीजेपी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति शून्यता क्यों थी।*
गायक कन्हैया मित्तल के कार्यक्रम में जिले के सभी सत्ता विधायक की उपस्थिति शून्यता थी। सदर विधायक विपिन कुमार वर्मा, मारहरा विधायक वीरेंद्र लोधी, अलीगंज विधायक सत्यपाल राठौर, जलेसर विधायक संजीव दिवाकर,साथ ही बीजेपी के सभी बड़े पदाधिकारियों की लगभग उपस्थिति शून्य ही थी,इसके कई मायने निकाले जा सकते है! क्योंकि एटा महोत्सव के शुभारम्भ होने से पूर्व ही विवादित होना भी कारण हो सकता है।
*फिलहाल एटा महोत्सव अपनी चरम सफलता की तरफ कदम बढ़ा रहा है.जो कि जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल की एक सफलता की निशानी और मानी जाएगी।*
*छाया चित्र देखें और समझें की कार्यक्रम को विफल करने का प्रयास भी VVIP दीर्घा में बैठें लोगो नें कैसे किया