भगोड़ा/घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

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भगोड़ा/घोषित अपराधी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 82 के संदर्भ में एक भगोड़ा/घोषित अपराधी अग्रिम जमानत की राहत का हकदार नहीं है।

🔘 जस्टिस सुरेश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस प्रकार एक अर्चना गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया , जिस पर जाली और काल्पनिक बिक्री के आधार पर शिकायतकर्ता की संपत्ति का एक टुकड़ा हड़पने का आरोप लगाया गया है।

पीठ ने कहा,

🟡 ” आवेदक के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल होने के बाद वह जानबूझ कर ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुई और इस वजह से आज तक आवेदक के खिलाफ ट्रायल शुरू नहीं हो सका। इसके अलावा, उपरोक्त निर्णय से यह स्पष्ट है कि अगर किसी को संहिता की धारा 82 के संदर्भ में एक भगोड़े/घोषित अपराधी घोषित किया जाता है तो वह अग्रिम जमानत की राहत का हकदार नहीं है।”

🛑 अभियोजन पक्ष का आरोप है कि आवेदक के खिलाफ वर्ष 2018 में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है और तब से मामला लंबित है. यह भी प्रस्तुत किया गया था कि चार्जशीट दाखिल करने के बाद, आवेदक ने जानबूझकर खुद को कार्यवाही से अनुपस्थित कर लिया और परिणामस्वरूप, आवेदक के खिलाफ फरवरी 2022 में सीआरपीसी की धारा 82 के तहत प्रक्रिया शुरू की गई थी और अब उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है।

⭕ यह भी प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक को भगोड़ा घोषित किए जाने के बहुत बाद में अग्रिम जमानत मांगने के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया और सत्र अदालत द्वारा 18.8.2022 को अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई।

⚪यह आगे प्रस्तुत किया गया कि उसके असहयोग के कारण ट्रायल अभी भी निचली अदालत के समक्ष लंबित है और आवेदक के खिलाफ पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं। अभियोजन पक्ष ने प्रेम शंकर प्रसाद बनाम बिहार राज्य एलएल 2021 एससी 579 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी भरोसा किया।

👉🏽 प्रेम शंकर प्रसाद (सुप्रा) के मामले में वकील की दलीलों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए अदालत ने यह कहते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी कि यदि किसी को संहिता की धारा 82 के संदर्भ में भगोड़ा / घोषित अपराधी घोषित किया जाता है तो वह अग्रिम जमानत की राहत का हकदार नहीं है।

केस टाइटल – डॉ. अर्चना गुप्ता बनाम यूपी राज्य [आपराधिक विविध सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत आवेदन नंबर – 9023/2022]

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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