
एटा – बदलते मौसम में बुखार के साथ-साथ निमोनिया के रोगी भी बढ़ रहे हैं। निमोनिया से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे बच्चों को ओपीडी में परीक्षण के बाद वार्ड में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। बुधवार को एमसीएच विंग के बच्चा वार्ड से से एक गंभीर निमोनिया पीड़ित बच्चे को रेफर किया गया है।
बाल रोग चिकित्सक डॉ. वैभव गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में सर्दी की शुरूआत हुई है। सर्दी की शुरूआत और समाप्त पर यह बीमारी बच्चों को अधिक सताती है। वर्तमान में ओपीडी में प्रतिदिन तीन से चार बच्चे निमोनिया से बीमार आ रहे है, जिनको ओपीडी में परीक्षण करने के उपरांत बच्चा वार्ड में भर्ती कराया जा रहा है। वार्ड में भर्ती निमोनिया रोगी बच्चों को उपचार के साथ-साथ भाप देने का काम किया जा रहा है।
उसके बाद भी यदि बच्चों के यह रोग कम नहीं होता है। या फिर बच्चे की पसलियां चलने लगती है। यह स्थिति गंभीर बीमारी का लक्षण। ऐसे बच्चों को मुंह से सांस लेने में दिक्कत होती है। सांस लेते-लेते जब वह थम जाता है तब सांस रुकने लगती है। ऐसे रोगी बच्चे को मशीनों के माध्यम से ऑक्सीजन देने के लिए उच्च चिकित्सा सेंटर को रेफर किया जाता है। बुधवार को शीलतपुर निवासी दो माह के आशीष पुत्र ओमवीर को पसलिया चलने पर उच्च चिकित्सा सेंटर के लिए रेफर किया गया है। उन्होंने परिजनों को बच्चों को आगरा, अलीगढ़, सैफई ले जाने की सलाह दी। इससे बच्चे की बीमारी जल्द से जल्द नियंत्रित हो सके। बुधवार को बच्चा वार्ड में निमोनिया से पीड़ित दो माह के आशीष के अलावा सात माह की तृप्ति पुत्री उदित कुमार, सात माह की समोखर निवासी श्रष्टि पुत्री कुलवेन्द्र शामिल है। जिनको वार्ड में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है