सारंगबिहरी पंचायत मे मनरेगा तालाब के भ्रष्टाचार की खुली पोल

मोहखेड:-ग्राम पंचायतो में शासन की योजना को पलीता लगाकर शासकीय राशी का दुरूपयोग करने पंचायतो के जिम्मेदारो के लिए सहज हो गया है बावजूद इसके जिला स्तर और जनपद स्तर के आला अधिकारियों द्वारा कोई सुध नही ली जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा ग्रामीणों के विकास और उत्थान के लिए सैकड़ो योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमे से रोजगार गारंटी योजना इस कोरोना महामारी में मजदूर गरीबो के लिए वरदान साबित हुई है तो सरकारी तंत्र में बैठे कुछ अफसर और कर्मचारियो द्वारा इस आपदा को अवसर बना कर अपनी जेबे गरम करने में लगे हुए है। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में विभिन्न प्रकार के तालाब निर्माण के लिए लाखो रूपये की राशी स्वीकृत कि जाती है किन्तु ग्राम पंचायत के जिम्मेदार निर्माण कार्य में औपचारिकता निभाकर इतीश्री कर लेते है। जिसके चलते कुछ महीनो बाद ही गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की पोल खुलने लग जाती है। वहीं पंचायत के जिम्मेदार भी उच्चाधिकारियों को कमीशन की मलाई चटा कर कार्रवाही से बचते आ रहे है। एैसा ही मामला जनपद पंचायत मोहखेड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सारंगबिहरी के ग्राम भिमालगोंदी में प्रकाश में आया है जहां लाखो रूपये की लागत से बने तालाब में भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सारंगबिहरी के ग्राम भिमालगोंदी में वर्ष 2017 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 4.68 लाख रूपये की लागत से नवीन तालाब का निर्माण कार्य निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत सारंगबिहरी द्वारा करवाया गया था किन्तु उक्त तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.जानकारी के अनुसार सारंगबिहरी में हुए नवीन तालाब निर्माण व जीर्णोद्धार तलाब में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है जिसमें ग्राम पंचायत के सचिव,रोजगार सहायक व उपयंत्री से लेकर एसडीओ तक भ्रष्टाचार की गंगा बहाने में शामिल है।
जनपद के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
सारंगबिहरी में हुए नवीन व जीर्णोद्धार तलाब निर्माण के लिए शासन द्वारा लाखो रूपये की राशी स्वीकृत की गई थी किन्तु तालाब के निर्माण को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि तालाब निर्माण में वाकई में कितनी राशी का सदुपयोग किया गया है। वहीं यहां पूरे निर्माण कार्य में सचिव व रोजगार सहायक की ही कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में नही है बल्कि यहां के उपयंत्री से लेकर एसडीओ तक की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। अन्यथा लगभग लाखो रूपये की लागत से बने तालाब. भ्रष्टाचार की भेंट नही चढ़ता। सूत्रो के अनुसार जनपद पंचायत मोहखेड के अंतर्गत आने वाली अधिकतर पंचायतो में भ्रष्टाचार का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है बावजूद इसके जनपद पंचायत मोहखेड के आला अधिकारी के कानो में जूं तक नही रेंग रही है। सूत्र तो यह भी बताते है कि पंचायत में हो रहे प्रत्येक निर्माण कार्य का कमीशन जनपद स्तर के अधिकारी तक पहुंच रहा है जिसके चलते यहां कभी पंचायतो में कार्यवाही हो भी गई तो नाममात्र की ही हो पा रही है। इनका कहना
सबंधित मामले की जांच करवाई जाएगी.
भागचंद टिमहरिया,सीईओ ज.प.मोहखेड