प्रयागराज में आज से RSS की बैठक, जनसंख्या असंतुलन समेत कई विषयों पर करेंगे चर्चा, रिपोर्ट योगेश मुदगल

यूपी के प्रयागराज में गौहनिया के वात्सल्य परिसर में रविवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की चार दिवसीय बैठक शुरू होगी। बैठक में जनसंख्या नियंत्रण और जनसंख्या संतुलन पर चर्चा
यूपी के प्रयागराज में गौहनिया के वात्सल्य परिसर में रविवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की चार दिवसीय बैठक शुरू होगी। बैठक में जनसंख्या नियंत्रण और जनसंख्या संतुलन पर भी चर्चा होगी। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के नेतृत्व में संघ के शीर्ष पदाधिकारी पर्यावरण संरक्षण, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, मातृभाषा में शिक्षा के साथ ही संघ के विस्तार पर भी चर्चा करेंगे।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने शनिवार को मीडिया को बताया कि विजयदशमी उत्सव पर डॉ. मोहन भागवत के उद्बोधन में उठाए गए मुद्दों पर बैठक में विशेष चर्चा होगी, जिनमें जनसंख्या असंतुलन, मातृभाषा में शिक्षा, महिला सहभाग, सामाजिक समरसता और समाज के सभी वर्गों के साथ संवाद प्रमुख है। अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की चार दिवसीय बैठक में इस साल मार्च में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा में बनी वार्षिक योजना की समीक्षा होगी तथा संघ कार्य के विस्तार का वृत्त भी लिया जाएगा। देश में वर्तमान में चल रहे समसामायिक विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।
रविवार सुबह नौ बजे बैठक शुरू होगी और प्रतिदिन चार से पांच बैठकें होंगी। बैठक में सभी 45 प्रांत के प्रांतीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक और सह भागीदारी करेंगे। बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह एवं अन्य अखिल भारतीय अधिकारियों सहित कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे।
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2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए कार्य विस्तार की योजना बनी है। मार्च 2021 में संघ की देशभर में 55,652 स्थानों पर शाखाएं लग रही थी जिन्हें मार्च 2024 तक एक लाख स्थानों तक पहुंचाने की योजना है। मार्च 2022 तक शाखाओं की संख्या 60,929 स्थानों तक हो गई थी। बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष में कार्य विस्तार की रूपरेखा को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
सुनील आंबेकर ने बताया कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की इस बैठक में प्रतिनिधि सभा में बनी योजना की समीक्षा करेंगे। संघ के अभियान ‘ज्वाइन आरएसएस’ से कितने लोग सामने आए या अलग-अलग प्रकार से जो हम अभियान चलाते हैं, उससे कितने लोग जुड़े, उस सबका वृतांत यहां पर लिया जाएगा। इसके अलावा नागपुर में 14 नवम्बर से आठ दिसम्बर तक होने वाले संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) की योजना पर भी चर्चा होगी।
जनसंख्या नियंत्रण के साथ संतुलन भी एजेंडे में
संघ के एजेंडे में जनसंख्या नियंत्रण के साथ जनसंख्या संतुलन भी शामिल है। संघ का मानना है कि समाज की जागरूकता और सकारात्मक सहभागिता तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के सतत समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप हम जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं। इस परिस्थिति में एक ओर छोटे परिवारों के कारण बालक-बालिकाओं के स्वस्थ समग्र विकास, परिवारों में असुरक्षा का भाव, सामाजिक तनाव, एकाकी जीवन आदि अनेक चुनौतियों और समाज की संपूर्ण व्यवस्था के केंद्र ‘परिवार व्यवस्था’ पर खड़े प्रश्नचिन्ह को लेकर संघ का नेतृत्व चिंतित है तो वहीं जनसांख्यिकी असंतुलन भी चुनौती बना हुआ है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के उद्बोधन में कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
इन विषयों पर भी होगी चर्चा
मातृ भाषा में शिक्षा- संघ का मानना है कि मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति बननी चाहिए यह अत्यंत उचित विचार है, और नयी शिक्षा नीति के तहत उस ओर शासन-प्रशासन पर्याप्त ध्यान भी दे रहा है। परन्तु क्या अभिभावक अपने पाल्यों को मातृभाषा में पढ़ाना चाहते हैं। क्या हम हमारे हस्ताक्षर मातृभाषा में करते हैं। घर के कार्यप्रसंगों के निमंत्रण पत्र मातृभाषा में भेजे जाते हैं या नहीं?
संगठित समाज-समाज में संघ को जानने और संघ के समीप आने की उत्सुकता बढ़ी है। सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए संघ की पूरी शक्ति लगे ताकि सर्व समाज की एका को मजबूती दी जा सके।