
!!.विश्व में यूरोप के स्लोवाकिया और इस्तोनिया में अजीबो गरीब सल्तानी फरमान: निराशा की आग मुस्लिम हैं पर मस्जिद नहीं, दुनिया के वो 2 देश जो किसी की नहीं सुनते.!!
दुनिया के यूरोप के स्लोवाकिया और इस्तोनिया में नहीं है एक भी मस्जिद
विश्व की करीब 800 करोड़ की कुल आबादी में मुस्लिम आबादी की संख्या करीब 190 करोड़ है l इतनी बड़ी आबादी के साथ इस्लाम विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है l इसके बावजूद दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं l जहां मुस्लिम आबादी होने के बावजूद कोई मस्जिद नहीं है l जी हां, ये सुनने में थोड़ा अजीबो-गरीब जरूर लग सकता है लेकिन ये सच है l दुनिया के कुल 195 देशों में से दो देश ऐसे भी हैं जहां मुस्लिम आबादी की इबादत के लिए कोई भी मस्जिद मौजूद नहीं है l यहां मस्जिद बनाने की मांग को लेकर कई बार विवाद भी हुए, इसके बावजूद सरकार ने यहां मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं दी l लिहाजा, यहां रहने वाली मुस्लिम आबादी को कल्चरल सेंटर या फिर घरों में ही खुदा की इबादत करनी पड़ती है l
यूरोप के स्लोवाकिया और इस्तोनिया में नहीं है एक भी मस्जिद…..
जिन दो देशों में एक भी मस्जिद नहीं है, उनमें स्लोवाकिया और इस्तोनिया के नाम शामिल हैं l आपको बता दें कि दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में इन दोनों देशों के नाम भी शामिल हैं l ये दोनों ही देश नए हैं और ये यूरोपीय यूनियन के साथ भी हाल-फिलहाल में ही जुड़े हैं l स्लोवाकिया और इस्तोनिया में कोई भी मस्जिद न होने की एक बड़ी वजह वहां की मुस्लिम आबादी है l इन दोनों ही देशों में मुस्लिमों की संख्या काफी कम है l साल 2011 की जनगणता के मुताबिक स्लोवाकिया में मुस्लिमों की संख्या कुल जनसंख्या का महज 0.2 फीसदी है l वहीं दूसरी ओर साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस्तोनिया में मुस्लिमों की कुल संख्या महज 1508 थी, जो देश की कुल जनसंख्या का सिर्फ 0.14 फीसदी ही था l हालांकि, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बीते 10 सालों में यहां मुस्लिम आबादी की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई होगी l इसके बावजूद, यहां अभी तक कोई मस्जिद नहीं बनाई गई है l
सरकार ने नहीं दी मस्जिद बनाने की मंजूरी…..
स्लोवाकिया में मस्जिद की मांग को लेकर तमाम विवाद हुए हैं l साल 2010 में स्लोवाकिया में रहने वाले मुस्लिमों ने देश की राजधानी ब्रातिस्लावा में मस्जिद बनाने की मांग की थी l हालांकि, तत्कालीन सरकार ने मुस्लिमों की इस मांग को ठुकरा दिया था l साल 2010 के बाद भी कई बार मस्जिद बनाने की इजाजत मांगी गई लेकिन सरकार ने इसे लेकर मंजूरी नहीं दी l