
कानपुर 2 सितम्बर । अखिल भारतीय श्री वाल्मीकि नवयुवक संघ के राष्ट्रीय संयोजक सुनील राज़दान ने कृष्णा नगर चौकी, थाना चकेरी की पुलिस द्वारा एक चौका-बरतन मांजने वाली दलित युवती, एक मासूम बच्चे की माँ को 23 अगस्त की शाम 4:30 बजे थाने ले जाकर पुरूष पुलिस द्वारा बेरहमी से चमड़े की बेल्ट, ठोकरों, व लात-घूँसों से मारा-पीट कर बेहाल कर दिया, हालात यहां तक बिगड़ गए कि पुलिस कोन चाहते हुए भी लालबंगले के रक्षा हॉस्पिटल में ले जाकर इलाज तक करवाना पड़ा।
इस कार्यवाही का कारण यह था कि दलित महिला जिसका नाम मनीषा है , अपने मायके में थी। उसका पति किसी दूसरी औरत को भगा ले गया। पुलिस इसके पति को तो ढूंढने में पूरी तरह नाकाम रही। इसी कारण मनीषा को मायके देवीगंज से पकड़ कर थाने ले जाकर पति के बारे में पूछा कि कहां है तेरा पति? इसके द्वारा मुझे नहीं मालूम उत्तर मिलता रहा। जब मनीषा को पता ही नहीं था तो बताती क्या।
मनीषा को महिला पुलिस ने हाथ तक नहीं लगाया, केवल पुरूष पुलिस द्वारा ही मारपीट की गई। रात को उसके जीजा को बुलाकर सौंप दिया।
पीड़ित द्वारा कमिश्नर, एस पी, आदि बड़े अधिकारियों से इस बात की शिकायत की परन्तु किसी ने भी गरीब दलित महिला की किसी ने नहीं सुनी , बल्कि पुलिस द्वारा धमकी दी जा रही है कि ज्यादा उछल कूद करोगी तो गम्भीर धाराओं में अंदर कर दूंगा, वहीं सड़ जाओगी।
सुनील राज़दान ने मीडिया के माध्यम से वार्ता कर मुख्यमंत्री योगी तक आवाज़ पहुँचाना चाहते है। वार्ता में मनीषा के फूफा, सास,मुकेश वाल्मीकि, संजय टेकला , शिव नाथ वाल्मीकि आदि उपस्थित रहे।