
!!.बुंदेलखंड शह व मात की जंग राजनैतिक साक पर वफादारी का दाग, मऊरानीपुर विधायक बिहारी लाल आर्य ने 1996 में बनवाई भाजपा की सरकार: भाजपा ने किया विधानसभा चुनाव से अलविदा.!!
वर्ष 2017 में बिहारी लाल आर्य ने रश्मि आर्य को 17 हजार मतों से पछाड़ा उसे ही पहना दी केंद्रीय गठबंधन ने माला
झांसी जिले की मऊरानीपुर सुरक्षित सीट से 2017 में बिहारी लाल आर्य ने भाजपा को जीत दिलायी थी l इस बार यह सीट भाजपा ने अपने सहयोगी पार्टी अपना दल को दे दी है l झांसी जिले की मऊरानीपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक बिहारी लाल आर्य का टिकट काट दिया गया है l उनकी जगह रश्मि आर्य को टिकट दिया गया है l रश्मि आर्य पहले समाजवादी पार्टी में थीं l 2017 के चुनाव में उन्हें बिहारी लाल आर्य से करीब 17 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था l
अपना दल को मिली मऊरानीपुर सीट
झांसी जिले की मऊरानीपुर सुरक्षित सीट से 2017 में बिहारी लाल वर्मा ने बीजेपी को जीट दिलायी थी l इस बार यह सीट भाजपा ने अपने सहयोगी पार्टी अपना दल को दे दी है l अपना दल ने यहां से रश्मि आर्या को प्रत्याशी बनाया है l
बिहारी लाल आर्य चार बार बने विधायक
बिहारी लाल आर्य पहले कांग्रेस में थे. 2017 के चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए l इसके बाद बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे मऊरानीपुर सीट से जीतकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे l इससे पहले वह तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे l
कल्याण सिंह की सरकार में राज्यमंत्री रहे बिहारी लाल आर्य
बिहारी लाल आर्य बुंदेलखंड की राजनीति में अपना खास स्थान रखते हैं, 1996 में जब कल्याण सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी थी, तो उन्हें मंत्री बनाया गया था, 1996 के विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था, 1997 में भाजपा के सहयोग से मायावती की सरकार बनी, लेकिन 6 महीने बाद ही गिर गई l इसके बाद बीजेपी ने कल्याण सिंह के नेतृत्व में सरकार बनायी थी, जिसके बाद बिहारी लाल को लघु उद्योग विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था l
बिहारी लाल आर्य को लगातार तीन चुनाव में मिली हार
बिहारी लाल आर्य ने 2002 में कांग्रेस से चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा के प्रागीलाल अहीरवार के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा l 2007 और 2012 में बिहारी लाल फिर लड़े, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा l उन्हें 2007 में बसपा के भगवती प्रसाद सागर और 2012 में सपा की रश्मि आर्य के हाथों हार का सामना करना पड़ा l इसके बाद उन्होंने 2017 में बीजेपी ज्वाइन कर ली l