
भ्रष्टाचार का पर्याय बना स्वास्थ्य विभाग एटा।
कौन है दीपक पांडेय जो करता है अधिकारियों के लिए धन की उगाही।
एटा जनपद में स्वास्थ्य विभाग में अर्से से फर्जी पैथोलॉजी, नर्सिंग होम,झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कोई भी प्रभावी कार्यवाही पहले तो होती नही,अगर होती भी है, तो स्वास्थ्य विभाग में सक्रिय दलालों के द्वारा मामले को रफादफा कराने के लिए सुविधा शुल्क की बात कर सम्बंधित स्वास्थ्य अधिकारी से मिलकर बन्दर बाट कर लिया जाता है, इस मामले में जानकारी मिली है, कि एटा स्वास्थ्य विभाग में कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दीपक पांडेय तैनात है,जो स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के लिए सारी व्यवस्था उपलब्ध कराता है,जब भी कहीं किसी भी अवैध पैथोलॉजी, झोलाछाप डॉक्टर,नर्सिंगहोमों पर जिले के सम्बंधित अधिकारी द्वारा छापा मारा जाता है, तो उसके तुरन्त बाद ही दीपक पांडेय वार्ड बॉय उस अवैध पैथोलॉजी, झोलाछाप डॉक्टर,नर्सिंगहोम के संचालक से सम्पर्क साधता है और मोटी रकम की बात कर मामले को रफादफा कराने में महती भूमिका निभाता है, इसकी चर्चा पूरे स्वास्थ्य विभाग में है, पता चला है, कि दीपक पांडेय दबंग प्रवृत्ति का व्यक्ति है जो कहता है कि यदि मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही करने की हिम्मत करेगा बो इसका अंजाम भुगतने को तैयार रहे।प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री योगी जी एक तरफ तो भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की मुहिम चला रहे हैं, दूसरी तरफ जनपद एटा का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा नजर आ रहा है, क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री,या स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी,प्रमुख सचिव,एटा स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई प्रभावी कार्यवाही करने की जहमत उठाएंगे?या चांदी की चमक में वो भी इस प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल देंगे।यह आने वाला समय बेहतर बताने में सक्षम होगा।