माफियाओं के डाक टिकट बनाने में एक सस्पेंड, दफ्तर सील

यूपी (कानपूर) : माफियाओं के डाक टिकट बनाने में एक सस्पेंड, दफ्तर सील

छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी जैसे माफियाओं के डाक टिकट जारी होने के खुलासे से हड़कंप मच गया है। सुबह ही प्रधान डाकघर का फिलैटिली विभाग सील कर दिया गया। पोस्ट मास्टर जनरल ने उच्च स्तरीय जांच शुरू करा दी और प्राथमिक जांच के आधार पर एक जिम्मेदार को सस्पेंड कर दिया गया है। जांच की जद में कई कर्मचारी और अधिकारी हैं।

देश के एक हिंदी दैनिक ने ‘माई स्टैंप’ जैसी एक अच्छी योजना की कमजोरी इंगित करने के लिए यह स्टिंग ऑपरेशन किया था। जिसमें बिना जांच-पड़ताल और जरूरी दस्तावेज लिए दो माफियाओं के डाक टिकट जारी कर दिए गए। इनमें से एक मुन्ना बजरंगी की तो बागपत जेल में हत्या भी हो चुकी है। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी के नाम व फोटो वाला एक टिकट पांच रुपये का है। दोनों के 12-12 टिकट के दो सेट हैं।

यह खुलासा होते ही विभाग में खलबली मच गई है। पोस्ट मास्टर जनरल कानपुर परिक्षेत्र वीके वर्मा ने इसे गंभीर विभागीय चूक माना। प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर प्रभारी रजनीश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। विभाग में माई स्टैंप टिकट के आवेदन फाइलों की जांच की जा रही है।

जानकारी हो कि माई स्टाम्प योजना में केवल जीवित व्यक्ति का ही टिकट बन सकता है। उसे खुद विभाग आना पड़ता है और वेबकैम के जरिए फोटो खींची जाती है। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही डाक टिकट जारी किया जाता है। इस डाक टिकट का इस्तेमाल अन्य सामान्य डाक टिकट की तरह किया जा सकता है। यानी इसे लगाकर देश दुनिया में कहीं भी पत्राचार किया जा सकता है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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