माँ-बाप को किया घर में
बंद और शव को आँच दी

बेटी से रेप कर जुबा
उसकी काट दी ।
माँ-बाप को किया घर में
बंद और शव को आँच दी ।। पुलिस हंस रही थी,और माँ रो रही थी,भाई पुलिस के पैर पकड़ा हुआ था और बाप हाथ जोड़कर पुलिस से बार बार यह कह रहा था, मेरी बेटी का शव हमको दे दो, हम अपने रीति रिवाज से बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे,पर पुलिस वालों का दिल नहीं पसीजा, उन्होंने माँ बाप को घर में बंद करके,शव को अपने साथ ले गए रात के अंधेरे में शव का अंतिम संस्कार कर दिया ।
मृतक के पिता और भाई पुलिस की कार्यवाही के विरोध में धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस के अफसर उन्हें गाड़ी में बिठाकर कहीं और ले गए ।
मृतक के रिश्तेदार खुद शव ले जाने वाली एम्बुलेंस के आगे आ खड़े हुए और गाड़ी की बोनेट पर लद गए लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें हटाकर दाह संस्कार कर दिया । युवती की माँ एम्बुलेंस के आगे सड़क पर लेट गई, लेकिन पुलिस उसे हटाकर वहां से चलती बनी,पीड़ित माँ दाह संस्कार के बाद असहाय होकर रोती रही।
.इस घटना के बाद इलाके में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है ।
माँ को बार-बार बेटी की तकलीफ की चीखें सुनाई दे रही थी, उसको ऐसा लग रहा था कि उसकी बेटी उसके सामने खड़ी होकर बोल रही है । दर्द हो रहा हैं माँ, यह क्या कर दिया इन दरिंदों ने, माँ सांसें उखड़ रही हैं मेरी, माँ मेरे जीवन को बचा लो। ऐसा ही कुछ इशारों में बोलना चाह रही थी हाथरस की बेटी । माँ की आँखों से आँसू का सैलाब बह रहा था, गुमसुम ‌बाप एक कोने में दीवार से टिका हुआ बेटी को देखे जा रहा था,उसकी आँखों की पलकें जैसे जम गई हो,बेटी की चीखो से बाप के दिल पर नश्तर चल रहे थे, जैसे-जैसे बेटी की सांसे थमती जा रही थी,माँ की सांसे तेज होती जा रही थी,डॉक्टरों और नर्सों का झुंड हाथरस की बेटी को घेरे हुए था,माँ दूर खड़े होकर बेटी की मौत का तमाशा देख रही थी, थोड़ी देर के बाद डॉक्टरों ने बेटी के चेहरे पर सफेद चादर डाल दी माँ-बाप की चीखो से अस्पताल गूंजने लगा । एक बेटी ने फिर से दरिंदों के सामने घुटने टेक दिए, फिर हार गई भारत की एक बेटी।
ऊपर वाले ने भी क्या किस्मत बनाई हैं ,बेटियों की, किसी बेटी को तो दी भरपूर इज्जत हैं,और किसी बेटी को बाप और भाइयों का कंधा भी नसीब नहीं होता,
हाथरस की बेटी को दरिंदों ने नोच खसोट डाला, वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड की कंगना राणावत
जिनके कार्यालय का नगर निगम मुंबई ने कुछ हिस्सा क्या तोड़ उनकी हमदर्दी में नेताओं की लाइन लग गई और उनको जेड सिक्योरिटी दे दी गई, वही हाथरस की बेटी तड़प तड़प के मर गई किसी नेता का दिल नहीं पसीजा।
चुभा काटा पैसे वाले को,
‌‌ सभी जान जाते है।
निर्धन को सांप डसे,
‌‌ मामूली घटना बतलाते है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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