पीलीभीत रोड सिक्सलेन योजना, सीएम ऐलान के बावजूद भी नहीं मिला बजट

फाइलों में अटका कार्य

बरेली। सेटेलाइट चौराहे से बैरियर टू चौकी तक पीलीभीत बाईपास चौड़ीकरण की योजना फाइलों में अटकी है। पांच माह पहले सिक्सलेन का 216 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजने और सीएम से मंजूरी मिलने के बाद भी अफसर इसको लेकर संशय में है। कारण यह है कि पिछले पांच महीने में शासन से एक हजार करोड़ से अधिक के दर्जनों प्रस्ताव स्वीकृत कर बतौर पहली किस्त बजट भी आवंटित किया जा चुका है, लेकिन पीलीभीत रोड के सिक्सलेन को लेकर किसी तरह की सुगबुगाहट शासन स्तर पर नहीं होने से अफसर भी असमंजस में फंसे हैं और स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इधर, रोजाना करीब 10 हजार वाहन जाम में फंस रहे हैं, क्योंकि सड़क पर ज्यादातर जगहों पर कब्जे हैं। कहीं-कहीं सड़क पर पोल भी खड़े हैं।

पीलीभीत बाईपास रोड चौड़ीकरण के लिए सबसे पहले पीडब्ल्यूडी ने साल 2022 में सेटेलाइट से बड़ा बाईपास तक 11.32 किलोमीटर सड़क फोरलेन करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसके लिए बजट मंजूर हो गया था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर सड़क को सिक्सलेन करने का फैसला लेते हुए दोबारा 301 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा। शासन ने दोनों में से किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। दो बार फोरलेन और एक बार सिक्सलेन का एस्टीमेट भेजने के बाद भी नतीजा कुछ नहीं निकला तो 2023 में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल के निर्देश पर बीडीए ने बैरियर टू चौकी से बड़ा बाईपास तक सड़क को सिक्सलेन करने के लिए एस्टीमेट शासन को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके बाद तय हुआ कि बैरियर-टू से बड़ा बाईपास तक 3.90 किलोमीटर हिस्से को बीडीए बनाएगा, शेष 7.40 किलोमीटर हिस्से सेटेलाइट से बैरियर-टू तक को पीडब्ल्यूडी सिक्स लेन कराएगा। इसके बाद पीडब्लयूडी ने इस हिस्से का 216 करोड़ रुपये का एस्टीमेट फिर शासन को भेजा। इसी बीच बरेली दौरे पर सीएम ने भी सिक्सलेन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी। विभाग का कहना था कि सिर्फ शासनादेश की औपचारिकता बची है, लेकिन छह माह से अधिक समय बीतने के बाद भी बजट नहीं मिल सका है।

यह है सिक्सलेन को लेकर योजना
सिक्सलेन होने पर पीलीभीत बाईपास मार्ग पर तीन मीटर चौड़ा डिवाइडर बनेगा। इसके बीच पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ावा दिया जाएगा। अंडर ग्राउंड केबल डालकर पूरे मार्ग पर रोशनी की जाएगी। इसके अलावा लखनऊ की तर्ज पर मार्ग के दोनों ओर आरसीसी यूटिलिटी ड्रेन बनेगी। इसी ड्रेन में बिजली और संचार सेवाओं से संबंधित केबल सुरक्षित पड़े रहेंगे। यदि कोई फाल्ट होता है तो सड़क खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दोनों तरफ एक-एक मीटर चौड़ाई में आरसीसी इंटरलॉक टाइल्स भी लगाना प्रस्तावित है।

पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड भगत सिंह ने बताया कि सेटेलाइट से बैरियर-टू तक सड़क सिक्सलेन करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। सीएम भी मंजूरी दे चुके हैं। शासन से बजट की मंजूरी मिलने का इंतजार है। कब तक बजट मिलेगा इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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पं.सत्यम शर्मा

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