
बरेली । नाइजीरिया के छात्र युसूफ बाला मुस्तफा और सूडान के अयूब अली के खिलाफ बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोनों पर वीजा विस्तार कराने के लिए फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। युसूफ बाला रुहेलखंड विश्वविद्यालय का छात्र है, जबकि अयूब पंजाब की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता है। दोनों के खिलाफ रोहिलखंड चौकी प्रभारी मनीष भारद्वाज ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
चौकी प्रभारी के मुताबिक सूत्रों से जानकारी मिली थी कि नाइजीरिया का युसूफ बाला मुस्तफा जो छात्र वीजा पर पासपोर्ट बनवाकर 19 जनवरी 2025 को भारत आया था। उसने सिटी यूनिवर्सिटी लुधियाना पंजाब में 31 जनवरी को बीसीए कोर्स में प्रवेश लिया। फिर उसने 19 जुलाई को महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी (रुहेलखंड विश्वविद्यालय) बरेली में बीएमएस प्रथम वर्ष में प्रवेश कराया। युसूफ की वीजा अवधि 23.12.2024 से 22.12.2025 तक वैध है।
युसूफ ने छात्र वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया, जिसके संबंध में गोपनीय जांच एवं जानकारी से यह पाया गया कि युसूफ द्वारा पूर्व में जब सिटी यूनिवर्सिटी लुधियाना से रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बीएमएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया गया तो नियम अनुसार विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) अमृतसर से स्थानांतरण पंजीकरण प्रमाण/अनुमोदन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना था लेकिन उसके द्वारा बिना अनुमोदन प्रमाण पत्र प्राप्त किए ही रुहेलखंड में प्रवेश ले लिया गया। जब छात्र ने वीजा विस्तार के लिए आवेदन किया गया तो एक जाली पंजीकरण प्रमाण पत्र आवेदन के साथ अपलोड किया गया जो एफआरआरओ लुधियाना पंजाब से जारी होना दिखाया गया।
छात्र से वीजा विस्तार आदि के बारे में पूछने पर यह जानकारी भी आई है कि आवेदन तथा रिकॉर्ड को अपलोड करने में उसकी सहायता सूडान के अयूब अली ने की। अयूब वर्तमान में सिटी यूनिवर्सिटी पंजाब में अध्यनरत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि छात्र ने आर्थिक दंड आदि से बचने के लिए जानबूझकर जाली पंजीकरण प्रमाण पत्र तैयार कर ऑनलाइन वीजा विस्तार आवेदन में अपलोड किया है। दोनों छात्रों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।