संस्कृत सभी भाषाओं की जननी- उपाध्यायसंस्कृत दिवस समारोह संपन्न


विद्वानों एवं आचार्य ने की सहभागिता
युवा पीढ़ी को किया जागरूक
भाषा के उत्थान को चलेगी मुहिम

एटा 17 अगस्त। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, संस्कृत के उत्थान में ही राष्ट्र का उत्थान निहित है l यह विचार आज विकास भवन सभागार में आयोजित संस्कृत दिवस समारोह में पूर्व न्यायाधीश एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पूर्व विधि सलाहकार उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहे l श्री उपाध्याय विकास भवन सभागार में आयोजित संस्कृत दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे l कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य डॉक्टर प्रेमी राम मिश्रा ने की। मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर नागेंद्र नारायण मिश्रा के संयोजकत्व एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रदीप रघुनंदन के सह संयोजन में आयोजित इस महत्वपूर्ण वैचारिक कार्यक्रम में जहां युवाओं को संस्कृत भाषा के प्रति जागरुक करते हुए वर्तमान समय में चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार किया गया वहीं दूसरी ओर संस्कृत के विद्वानों ने संस्कृत भाषा के गौरव के विषय में बताया। अर्श गुरुकुल एटा, संस्कृत पाठशाला, दून पब्लिक स्कूल, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के छात्रों ने कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए हुए संस्कृत भाषा में अपने-अपने उद्बोधन प्रस्तुत किया।
संस्कृत दिवस समारोह में विषय परिवर्तन करते हुए मुख्य विकास अधिकारी डॉ नागेंद्र नारायण मिश्र ने कहां के संस्कृत भाषा सभी को एक सूत्र में बांधने का काम करती है l यहां देवों की भाषा है, यह देव वाणी वैदिक काल से लेकर आज तक बात चाहे संस्कार की हो, योग की बात हो, चिकित्सा की बात हो ,आयुर्वेद की बात हो ,वैदिक गणित और विज्ञान की बात हो, जीवन के प्रत्येक आचार विचार में संस्कृत भाषा अपने वैभव से दिशा निर्देशन करती रही है l उन्होंने कहा के संस्कृत भाषा की प्रतिष्ठा के बिना भारतीय संस्कृति की प्रतिष्ठा नहीं हो सकती।
गुरुकुल कांगड़ी संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के आचार्य डॉक्टर रामप्रकाश वर्णी ने कहा कि ऋषियों द्वारा प्रदत्त संस्कृत की यही अवदान को देखते हुए जन-जन में संस्कार के प्रति गहन अनुराग पैदा करना आज केकार्यक्रम का उद्देश्य है और एटा जनपद की पावन भूमि पर विकास भवन के सभागार से इस कार्यक्रम का शुभारंभ इस बात का प्रतीक है कि आगे चलकर यहां विचार एक क्रांति का रूप लेगा।
कार्यक्रम में कुमार सौहार्द रघुनंदन को रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मि रथी के आकषर्णिय प्रस्तुतीकरण के लिए विशेष पुरस्कार एवं कुमारी सुरभि को यदा यदा ही धर्मस्य पर नृत्य प्रस्तुत करने के लिए विशेष पुरस्कार से नवाजl गया।
संस्कृत दिवस समारोह को डॉ सुरेश चंद्र शास्त्री, उद्योगपति चेतन बाबू यादव, पूर्व बैंक अधिकारी एस के मिश्रा, आचार्य शुभम मिश्रा आदि विद्वानों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का माल्यार्पण करके एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर के उनका स्वागत किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शरद सोलंकी, प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती सुनीता गुप्ता, पत्रकार राकेश भदोरिया, संस्कृत पाठशाला एटा के प्रधानाचार्य नितिन त्रिपाठी आचार्य अवनीश मिश्रा, आचार्य विद्या व्रत। विशाल मिश्रा, श्रीमती सुनीता सरीन श्रीमती सृष्टि वशिष्ठ श्रीमती प्रीति शर्मा। अजीत सुशांत आशुतोष आदित्य प्रतिमा सुरभि, अनुष्का, आयुष, प्रांशु, नरदेव, उत्कर्ष, प्रेमराज, कनिष्क, छवि, अवनी सिंह ,सिद्ध पाठक, आध्या श्रेयांशी सपना युवांक नंदिनी मोहिनी आराध्यl, आयशा खान ,एंजेल, दिव्या यादव, दिव्यांशी, शिका गुप्ता, रोशनी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध लोग एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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