
बरेली:: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिले को भेजी गई नई 35 एंबुलेंस में से एक एंबुलेंस कोविड अस्पताल के पीछे झाड़ियों में लावारिस हालत में खड़ी मिली है। खास बात यह है कि इस एंबुलेंस को अभी तक आरटीओ से नंबर प्लेट भी नहीं मिली थी, लेकिन इससे पहले ही इसके आगे के दोनों पहिए और अंदर का सारा जरूरी सामान चोरी हो चुका है।
झाड़ियों में खड़ी एंबुलेंस की हालत देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह कबाड़ हो गई हो। इसके अगले दोनों टायर, स्टेचर और अन्य जरूरी उपकरण गायब हैं। यह घटना बताती है कि शासन द्वारा आमजन के लिए भेजे गए संसाधनों की जमीन पर कितनी उपेक्षा हो रही है।
अस्पताल प्रशासन की अनभिज्ञता चौंकाने वाली
जब इस मामले में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. इंतजार हुसैन से सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे अपने संज्ञान से बाहर बताया और कहा कि यदि मामला सही है तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
यह बयान दर्शाता है कि अस्पताल प्रशासन को खुद ही यह नहीं पता कि उनके अस्पताल परिसर में क्या हो रहा है।
मरीजों को समय पर एंबुलेंस न मिलने की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। कई बार परिजन अपने मरीजों को चारपाई पर लादकर अस्पताल तक लाते हैं। शासन भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में खड़ी अन्य एंबुलेंस से भी सामान चोरी होने की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन कोई रोकथाम नहीं की जा रही। इससे साफ यह स्पष्ट करता है कि अस्पताल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था बेहद ही कमजोर व अपंग है ।