
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० तन्मय अग्रवाल अब मिलेंगे बरेली में
बरेली। शहर में स्थित मिशन हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। बरेली चिकित्सा के इतिहास में पहली बार बगैर चीरे और तार के आधुनिक पेसमेकर डाला गया है। मिशन हास्पिटल में “लीडलेस पेसमेकर” तकनीक के जरिए 87 वर्षीय बुजुर्ग मरीज के दिल में बिना चीरे और बिना तार के पेसमेकर प्रत्यारोपित किया गया।हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. तन्मय अग्रवाल ने बताया कि यह डिवाइस देश की प्रमुख कंपनी मेडट्रॉनिक द्वारा विकसित की गई है। इसका नाम माइक्रा वीआर टू है। यह दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर है। इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें न तो किसी प्रकार का चीरा लगाया जाता है और न ही तार की जरूरत होती है। डिवाइस को पैर की नस के माध्यम से हृदय में फिट किया जाता है। इस प्रक्रिया में इंफेक्शन का खतरा न के बराबर होता है और मरीज की रिकवरी भी काफी तेज होती है।.

तन्मय अग्रवाल ने बताया कि यह पेसमेकर मात्र 25 मिनट में लगाया गया। मरीज को 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी हो गई। इस डिवाइस की बैटरी लाइफ लगभग 13 वर्षों की है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल अब तक पूरे भारत में सिर्फ 6 बार हुआ है, जिनमें से बरेली में यह पहली बार और उत्तर प्रदेश में दूसरी बार सफलतापूर्वक किया गया है। डॉ. तन्मय अग्रवाल ने अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज से कार्डियोलॉजी की पढ़ाई की है। राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली तथा राम मूर्ति मेडिकल कॉलेज में भी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे अहमदाबाद के ट्रेनिंग सेंटर की विशेष भूमिका रही है, जहां वर्ल्ड क्लास स्तर की ट्रेनिंग और रिसर्च की जाती है। मिशन अस्पताल के डायरेक्टर पृथु वात्सल्य ने बताया कि आधुनिक तकनीक के आने से अब हृदय रोगियों को दिल्ली या लखनऊ जैसे बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बरेली में ही अत्याधुनिक इलाज की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
यह लीडलेस पेसमेकर डिवाइस लगभग 13 लाख रुपये की है। आधुनिक पेसमेकर के फायदे
बिना चीरे और टांके के पेसमेकर इम्प्लांट
न्यूनतम संक्रमण का खतरा
मरीज की तेजी से रिकवरी
बाहरी उभार पता नहीं चलता है।